रांची: झारखंड में 38 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की जांच तेज हो गई है. एसीबी ने अब तक मैन पावर सप्लाई करने वाली कंपनियों समेत शराब कारोबार से जुड़े छह कारोबारियों को नोटिस जारी किया है. इन सभी कारोबारियों को अलग-अलग तिथियों पर एसीबी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ निवासी सिद्धार्थ सिंघानिया का नाम प्रमुखता से शामिल है.
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छापा के दौरान मिला था डायरी
बता दें कि जब एसीबी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के दौरान एक संदिग्ध के घर पर छापा मारा, तो वहां एक डायरी मिली. इस डायरी में झारखंड में शराब सिंडिकेट द्वारा की गई साजिश का विवरण था. इसके अलावा, झारखंड में शराब व्यापार में रुकावट डालने वालों को पहचानने और उन्हें 'मैनेज' करने की योजना का भी उल्लेख किया गया था. इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट ने एक साजिश के तहत झारखंड में शराब नीति को लागू करवाया, जिससे राज्य सरकार को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ. सिद्धार्थ सिंघानिया के अलावा, जिन अन्य व्यवसायियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी मनीष जैन और राजीव द्विवेदी, तथा महाराष्ट्र के पुणे निवासी अजीत जयसिंह राव, अमित प्रभाकर सोलंकी और सुनील मारूत्रे कुंभकर शामिल हैं.
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अब तक 29 से अधिक व्यक्तियों को किया गया हैं नोटिस जारी
बताते चले कि एसीबी ने अब तक 29 से अधिक व्यक्तियों को नोटिस जारी किए हैं. पहले भेजे गए नोटिस में राज्य के उत्पाद सचिव मनोज सहित कई प्रमुख हस्तियों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा, विजन और मार्शन कंपनी के प्रतिनिधियों को भी पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया है. एसीबी को प्रारंभिक जांच में यह जानकारी मिली है कि विजन और मार्शन कंपनियों ने फर्जी बैंक गारंटी के माध्यम से ठेका प्राप्त कर सरकार को 38 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है. जांच में यह भी सामने आया है कि कुल मिलाकर सरकार को लगभग 200 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. वर्तमान में, एसीबी संबंधित कंपनियों के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है और मामले से जुड़े अधिक तथ्यों को एकत्रित करने में लगी हुई है.
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