इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का फाइनल मुकाबला 3 जून को हुआ, जिसमें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने अहमदाबाद में फाइनल में पंजाब किंग्स को छह रन से हराकर पहली बार ट्रॉफी अपने नाम की। दो महीने से भी ज्यादा समय तक चली इस लीग ने फैंस का जमकर मनोरंजन किया, साथ ही इससे बीसीसीआई के साथ-साथ सभी 10 फ्रेंचाइजी को जमकर फायदा भी हुआ है। दुनिया की सबसे बड़ी लीग में बोर्ड की कई तरीकों से कमाई होती है।
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बीसीसीआई का कमाई का सबसे बड़ा सोर्स ब्रॉडकास्टिंग फीस है, जहां उसे आईपीएल 2025 के लिए 9678 करोड़ रुपये मिले। अगर एक मैच की कमाई को देखें तो यह आंकड़ा 130.7 करोड़ के आसपास है। इस लीग के लिए टेलीविजन राइट्स स्टार स्पोर्ट्स ने हासिल किए थे, जबकि डिजिटल अधिकार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के स्वामित्व वाली कंपनी वायकॉम ने हासिल किए।
एडवरटाइडर्स की संख्या में हुई बढ़ोतरी
‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल 2025 में एडवरटाइडर्स की संख्या 27 प्रतिशत बढ़कर 105 हो गई। पिछले साल टाटा ग्रुप ने 2500 करोड़ रुपये में आईपीएल की अपनी टाइटल स्पॉन्सरशिप को 2024 से 2028 तक अगले पांच सालों के लिए बढ़ा दिया था। इस तरह हर सीजन के लिए यह सौदा 500 करोड़ का है। बीसीसीआई को इसके अलावा रेवेन्यू शेयर मॉडल के आधार पर कई कंपनियों से पैसा मिलता है।
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BCCI का बड़ा रिवेन्यू
सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई को हर टीम से सेंट्रल, स्पॉन्सरशिप और टिकटिंग रिवेन्यू का 20 प्रतिशत और लाइसेंसिंग राजस्व का 12.5 प्रतिशत मिलता है। बीसीसीआई इसके साथ ही हर टीम को फिक्स्ड सेंट्रल रिवेन्यू और लीग की स्थिति के आधार पर वेरिएबल रिवेन्यू भी प्रदान करता है। 2024 के फाइनेंशियल ईयर में बीसीसीआई ने अपने रिवेन्यू में बढ़ोतरी की है, जहां उसे 20,686 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। 2023 के फाइनेंशियल ईयर में बोर्ड ने 16,493 करोड़ रुपये का रिवेन्यू हासिल किया था।
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