37 बनाम 82 मौत की लड़ाई,महाकुंभ में भगदड़ वाली रात हुआ क्या था? जिस पर मचा है बवाल

37 बनाम 82 मौत की लड़ाई,महाकुंभ में भगदड़ वाली रात हुआ क्या था? जिस पर मचा है बवाल

महाकुंभ में मौनी अमावस्या से ठीक पहले की रात मची भगदड़ और इसमें हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बड़ा बवाल शुरू हो गया है. इस बार बवाल को एक निजी मीडिया हाउस बीबीसी की तथ्यात्मक रिपोर्ट ने हवा दी है. दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया था इस भगदड़ में महज 37 लोगों की ही मौत हुई थी, लेकिन बीबीसी ने संबंधित प्रमाण पेश करते हुए दावा किया है कि कम से कम 82 लोग इस भगदड़ में मारे गए थे. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आंकड़ों में इस अंतर को लेकर सपा के साथ कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में इस घटना को तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82 बताया है.

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इस प्रसंग पर आगे बढ़ने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि उस हादसे वाली रात हुआ क्या था? साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि भगदड़ क्यों मची? आइए शुरू से शुरू करते हैं. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या थी. कायदे से मौनी अमावस्या को ही माघ मेला, अर्द्ध कुंभ या कुंभ का मुख्य स्नान माना जाता है. इसी मान्यता की वजह से उस रात संगम में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. इस भीड़ से बचने के लिए लाखों की तादात में लोग एक दिन पहले की रात में ही संगम नोज के पास पहुंच गए थे. इन लोगों की योजना था कि सुबह चार बजे से पहले ही वह गंगा में डुबकी लगा लेंगे.

रात में 1.10 पर मचा था भगदड़:- इसी सोच के साथ यह लाखों की भीड़ स्नान घाट को जाने वाले रास्ते के ईदगिर्द सोई थी. उधर, शहर से संगम की ओर श्रद्धालुओं के आने का क्रम भी लगातार बना हुआ था. बताया जा रहा है कि इसी दौरान प्रशासन ने पीपा वाले पुल को शाही स्नान के लिए बंद कर दिया. इसकी वजह से भीड़ का दबाव काफी बढ़ गया और लोग बेकाबू हो गए. करीब एक बजकर 10 मिनट पर पोल नंबर 12 के पास यह बेकाबू भीड़ जब आगे बढ़ी तो बैरियर टूट गया और यह भीड़ वहां सोए लोगों को रौंदते हुए बढ़ने लगी. कहा जा रहा है कि इस घटना में दो सौ से अधिक लोग भीड़ के पांवों तल कुचले गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि इनमें से 37 लोगों की मौत हुई थी. जबकि मीडिया हाउस ने अपनी रिसर्च के आधार पर मौतों की संख्या 82 बताई है.

कहां-कहां हुई थी भगदड़:- भगदड़ के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था. उन्होंने भगदड़ की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि संगम नोज पर 30 लोगों की मौत हुई थी. वहीं उन्होंने अन्य स्थानों पर 7 लोगों की मौत को सवीकार किया था. अब बीबीसी ने 11 राज्यों के 50 जिलों में घूमकर जो अपनी रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है कि कुल चार से अधिक स्थानों पर भगदड़ मचा था. इसमें कुल मौतों की संख्या 82 से अधिक है.

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अखिलेश यादव ने पूछे ये सवाल:- सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा, सवाल सिर्फ आंकड़े छिपाने का नहीं है, सदन के पटल पर असत्य बोलने का भी है और इस बड़ी बात का भी है कि महाकुंभ मृत्यु-मुआवज़े में जो राशि नकद दी गई, वो कैश क्यों दी गई? फिर उन्होंने पूछा कि वो कैश आया कहां से और वो कैश कहां गया, जो वितरित नहीं हो पाया? इसी के साथ्ज्ञ उन्होंने सवाल उठाया कि कैश बांटने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ? उन्होंने कहा कि बीबीसी की यह रिपोर्ट अंत नहीं है, बल्कि महाकुंभ में हुई मौतों और उनसे जुड़े पैसों के महासत्य की खोज का आरंभ है.






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