बिना पार्किंग , बिनापदण्डों के घर पर संचालित हो रहा भदौरिया नर्सिंग होम,सीएमएचओ के संरक्षण में अब तक कोई कार्यवाही नहीं

बिना पार्किंग , बिनापदण्डों के घर पर संचालित हो रहा भदौरिया नर्सिंग होम,सीएमएचओ के संरक्षण में अब तक कोई कार्यवाही नहीं

राजनांदगांव : जिला मुख्यालय के मध्य में ही स्वास्थ्य अधिकारियों के संरक्षण में नर्सिंग एक्ट के मापदंडों को पूरा किये बिना भदौरिया नर्सिंग होम संचालित हो रहा है और जिम्मेदार लोग आँख मूंदे बैठे हैं । मरीजों से मोटे पैसे वसूलने के बाद भी शहर में ऐसे कई नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं जो नर्सिंग होम एक्ट के मापदंडों को पूरा किये बिना चल रहे हैं। इन्हीं में से एक है सहदेव नगर स्थित भदौरिया नर्सिंग होम। इस नर्सिंग होम में मापदंडों व् नियमों को दरकिनार करते हुए लोगों का इलाज किया जा रहा है लेकिन बड़े अधिकारियों से सांठगांठ की वजह से व् रसूखदारी की वजह से इस नर्सिंग होम में अब किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। भदौरिया नर्सिंग होम का संचालन एक घर में ही वर्षों से किया जा रहा है जहाँ पूरे मापदंड पूरे नहीं किये गए हैं और मरीजों को जमकर लूटा जा रहा है ।

शुरूआती तौर पर देखा जाए तो किसी भी होम में सबसे पहले पार्किंग की उचित व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन भदौरिया नर्सिंग होम में मरीज व् उनके परिजनों की गाड़ियां सामने सड़क पर ही कड़ी रहती है । अस्पताल के पास ही शराब दूकान भी है जिसके कारण गाड़ियां सड़क पर कड़ी रहने के कारण यातायात बाधित होता है लेकिन आज तक ट्रेफिक विभाग ने किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं दिखाई। नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पताल से लगा हुआ कोई भी बड़ा नाला, शौचालय या धुंआ उगलने वाली फैक्ट्री नहीं होनी चाहिए लेकिन भदौरिया नर्सिंग होम से लगा हुआ ही बड़ा नाला वहां से निकलता है। साथ ही निशक्त जनों के लिए भी यहाँ पर व्हील चेयर व् स्ट्रेचर की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से भदौरिया नर्सिंग होम बेखौफ अव्यवस्थाओं के साये में संचालित हो रहा है।

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नर्सिंग होम में घरेलु सिलेंडरों का जमकर हो रहा व्यवसायिक उपयोग 

नगर में संचालित भदौरिया नर्सिंग होम के एक कमरे में कई घरेलु सिलेंडर भर कर रखे हुए है जिनका यहाँ पर जमकर व्यवसायिक उपयोग किया जाता है मरीजों को गरम पानी, गर्म दूध उपलब्ध कराने के लिए रोज दर्जनों घरेलु सिलेंडरों की अल्टा पलटी इस अस्पताल में की जाती है। नियमतः किसी भी फार्म या संस्था में व्यवसायिक उपयोग के लिए नीला सिलेंडर लिया जाता है लेकिन भदौरिया नर्सिंग होम में वर्षों से घरेलु लाल सिलेंडर का उपयोग किया जाता रहा है लेकिन खाद्य विभाग अपनी आँखें मूंदे बैठा है और आज तक यहाँ ना किसी प्रकार का छापा मारा गया और ना ही इन घरेलु सिलेंडरों को जब्त किया गया।

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 मरीजों की निजता का हो रहा हनन, फीस सबसे बराबर 

भदौरिया नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाओं को एक ही कमरे में एक साथ लगभग पांच लोगों को चेक किया जाता है लेकिन फीस सबसे बराबर ले जाती है। नाम ना छापने की शर्त पर एक गर्भवती महिला के पति ने बताया की पूरे पैसे दिए जाने के बाद भी उनकी पत्नी को भीड़ में ही चेक किया जाता है जबकि वो हर बार डॉक्टर से कुछ परामर्श लेने की बात करते हैं लेकिन उन्हें उनकी पत्नी के साथ भीतर नहीं बुलाया जाता। एक मरीज ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की इलाज के दौरान जो दवाइयां लिखी जाती है उन दवाइ‌यों को खरीदने के लिए भी अस्पताल के स्टाफ द्वारा दबाव बनाया जाता है। इस तरह से भदौरिया नर्सिंग होम में सीधे तौर पर महिलाओं की निजता का हनन हो रहा है लेकिन भय की वजह से कोई भी महिला शिकायत करने अब तक सामने नहीं आई है ।









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