कमजोर हड्डियां अब सिर्फ बुढ़ापे की निशानी नहीं रहीं। आजकल कम उम्र के वयस्क भी गतिहीन जीवनशैली, पोषक तत्वों से रहित भोजन और फ़ास्ट फ़ूड पर बढ़ती निर्भरता के कारण कमजोर हड्डियों से जूझ रहे हैं। अक्सर डॉक्टर कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं, लेकिन हमारी रसोई में ही ऐसे शक्तिशाली, खाद्य पदार्थ मौजूद हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। इन पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करके आप अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत कर सकते हैं, आइए जानते हैं इन 4 सुपरफूड्स के बारे में:
रागी: कैल्शियम का पावरहाउस
रागी को अक्सर "गरीबों का कैल्शियम" कहा जाता है, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि 100 ग्राम रागी में लगभग 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो दूध की समान मात्रा से कहीं अधिक है। रागी फाइबर और अमीनो एसिड के साथ कैल्शियम प्रदान करता है। रागी दलिया या चपाती का नियमित सेवन, खासकर सुबह के समय, एक महीने के भीतर हड्डियों के घनत्व में वास्तव में सुधार कर सकता है।
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गोंद: हड्डियों को लचीला बनाने वाला कोलेजन बूस्टर
गोंद में प्रोटीन और कैल्शियम होता है, लेकिन जो चीज़ इसे हड्डियों के लिए खास बनाती है, वह है इसका कोलेजन बढ़ाने वाला गुण। कोलेजन एक संरचनात्मक प्रोटीन है जो हड्डियों को लचीला और जोड़ों को नरम रखता है। जब गोंद को पारंपरिक रूप से सूखे मेवों और घी के साथ मिलाया जाता है तो यह पोषण का एक पावरहाउस बन जाता है।
सफेद तिल: कैल्शियम और मैग्नीशियम का अद्भुत स्रोत
सफेद तिल में कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। एक चम्मच तिल में एक गिलास दूध से भी ज़्यादा कैल्शियम होता है, लेकिन इससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है मैग्नीशियम और हेल्दी फैट की मौजूदगी, जो शरीर को कैल्शियम को प्रभावी ढंग से अवशोषित करने में मदद करती है। इन्हें कच्चा, भुना हुआ या चटनी में मिलाकर खाने से हड्डियां मजबूत बनती हैं।
मोरिंगा के पत्ते: हड्डियों की थकान दूर करने वाला जादुई पत्ता
मोरिंगा, जिसे सहजन के पत्ते के नाम से भी जाना जाता है, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। मोरिंगा के पत्तों में प्रति 100 ग्राम लगभग 250 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। मोरिंगा की सब्जी को पकाकर या दाल में पत्तियों का पाउडर मिलाकर खाने से कुछ ही हफ्तों में हड्डियों की थकान और पैरों की ऐंठन कम होने लगती है।
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