नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शोधार्थी इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं। एक ओर जहां मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप की राशि बीते कई माह से अटकी हुई है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है, जिससे नए छात्रों को कुछ राहत मिली है।
जेएनयू छात्र संघ ने सोमवार को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को पत्र लिखकर मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप के भुगतान में हो रही देरी पर गहरी चिंता जताई। छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बताया कि “कई शोधार्थियों को नवंबर 2024 से फेलोशिप नहीं मिली है, जबकि अधिकतर को जनवरी 2025 से राशि नहीं मिली।
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कब तक कर सकते हैं आवेदन?
इससे छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। किराया, किताबें और शोध से जुड़ी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रहीं।” छात्र संघ ने मंत्रालय से फेलोशिप का तत्काल भुगतान करने और संशोधित एचआरए लागू करने की मांग की है। इसी बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीजी प्रोग्राम में दाखिला के लिए आवेदन की तारीख 18 जून तक बढ़ा दी है।
जेएनयू ने नोटिस जारी कर बताया कि उम्मीदवार अब 18 जून तक https://jnuee.jnu.ac.in/ पर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही 17 और 18 जून को आवेदन फॉर्म में नाम, माता-पिता का नाम और जन्मतिथि में सुधार की सुविधा भी दी गई है।
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प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 18 जून के बाद कोई संशोधन अनुरोध स्वीकार नहीं होगा। छात्र अब एक ओर फेलोशिप भुगतान का इंतजार कर रहे हैं और दूसरी ओर नए दाखिलों की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं।
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