विंध्यक्षेत्र के किसान परंपरागत खेती से हटकर नवाचार खेती कर रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी के बाद मिर्जापुर जिला अमरूद की खेती का हब बनेगा. जिले के किसान अमरूद की खेती करके मालामाल हो सकते हैं. सरकार की ओर से अमरूद की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऐसे में किसानों को अमरूद की खेती पर अनुदान दिया जा रहा है. जो भी किसान खेती करना चाहते हैं. वह पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर आवेदन करके योजना का लाभ ले सकते हैं.
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अमरूद की मिठास के लिए अब प्रयागराज और लखनऊ नहीं जाना जाएगा. एकीकृत बागवानी मिशन के तहत मिर्जापुर जिले में 100 हेक्टेयर में अमरूद की खेती कराई जाएगी. किसानों को खेती जब लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान पर पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. अमरूद की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किया गया है. ऐसे में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे.
ये वैराइटी है उपलब्ध
पहले काफी मात्रा में अमरूद के पेड़ नजर आते थे. हालांकि, समय के साथ यह कम हो गया. उद्यान विभाग की ओर से वृहद स्तर पर खेती कराने का प्लान है. ऐसे में किसानों उन्नतिशील वैराइटी इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ 49, बीएनआर व बीही प्रजाति के अमरूद के पेड़ लगाए जाएंगे. प्रति पौधे की कीमत करीब 65 रुपये है.हालांकि, अनुदान के तहत किसानों को मुफ्त में उप्लब्ध कराए जाएंगे.
जुलाई में होती है खेती
जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि जुलाई और अगस्त माह में पौधे रोपे जाएंगे. किसानों को अनुदान के तहत पौधा उप्लब्ध कराया जाएगा. कम लागत में किसानों के लिए आमदनी का बेहतर जरिया बन सकता है. एक हेक्टेयर में करीब 300 पौधे रोपे जाएंगे. अमरूद की कीमत बाजारों में रहती है. 20 रुपये से लेकर 100 रुपये तक बिक्री होती है.
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