जगदलपुर: जगदलपुर की सबसे बड़ी सब्ज़ी मंडी संजय मार्केट में स्थित बरगद के पेड़ के नीचे वर्षों पहले एक छोटा सा शिव मंदिर स्थापित किया गया था। इस मंदिर को व्यवस्थित रूप देने के लिए जब स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य शुरू किया तब मंदिर के चबूतरे को हटाने के दौरान जमीन के नीचे से लगभग तीन फीट गहराई में एक प्राचीन शिवलिंग नजर आया।शिवलिंग देखते ही वहां मौजूद लोग उसे साफ करके पूजा-अर्चना करने लगे। देखते ही देखते बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन के लिए मौके पर पहुंचने लगे।
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स्थानीय लोगों के बीच पहले से ही यह मान्यता है कि यहां मांगी गई मन्नत पूरी होती है विशेषकर नि:संतान दंपतियों की। बाजार में ही कारोबार कर रहे एक युवक ने बताया कि वर्षों से संतान प्राप्ति की मन्नत इसी स्थान पर पूरी हुई। उन्होंने कहा की मैंने भगवान शिव से प्रार्थना की थी और एक वर्ष के भीतर मेरे घर संतान का जन्म हुआ। इसके बाद ही वे यहां पर शिव मंदिर के निर्माण की तैयारी कर रहे थे।
हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शिवलिंग की स्थापना स्थल पर एक पक्का मंदिर बनाया जाए जिससे श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे और इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित किया जा सके। फिलहाल शिवलिंग के आकार और ऐतिहासिकता को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। हालांकि अब तक पुरातात्विक विभाग और अन्य विशेषज्ञों ने इस शिवलिंग के प्राचीन होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन शहर में बरगद के पेड़ के नीचे निकले शिवलिंग को लेकर चर्चा जरूर है और यह माना जा रहा है कि पहले कभी यहां कोई प्राचीन मंदिर रहा होगा, जिसके ऊपर बरगद का पेड़ धीरे-धीरे बढ़कर विकसित हो गया।
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