हाईकोर्ट ने दिया NRDA को बड़ा झटका,जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द

हाईकोर्ट ने दिया NRDA को बड़ा झटका,जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द

रायपुर :  नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा की गई जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि नई जमीन अधिग्रहण कानून के तहत तय समय सीमा में मुआवजे का अवार्ड जारी नहीं किया गया, इसलिए पूरी कार्रवाई अमान्य हो जाती है। मामला रायपुर जिले के निमोरा और नवागांव गांव के एक किसान का है। किसान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उसकी जमीन पुराने कानून, 1894 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत अधिग्रहित की गई थी। उस समय धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन 1 जनवरी 2014 से नया कानून- भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता कानून, 2013 लागू हो गया।

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नए कानून की धारा 25 के अनुसार, धारा 19 (जो पुराने कानून की धारा 6 के बराबर है) के तहत अधिसूचना जारी होने के एक साल के भीतर मुआवजे का अवार्ड जारी करना अनिवार्य है। लेकिन एनआरडीए ने यह अवार्ड तय समय सीमा के बाद जारी किया, जो नियमों के खिलाफ है। इसी आधार पर किसान ने कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार और एनआरडीए से जवाब मांगा। जवाब मिलने के बाद अंतिम सुनवाई में कोर्ट ने साफ कहा कि मुआवजे का अवार्ड तय समय सीमा में जारी नहीं हुआ, इसलिए पूरी अधिग्रहण प्रक्रिया अमान्य मानी जाएगी।

फैसले में कोर्ट ने न केवल मुआवजे का अवार्ड रद्द किया, बल्कि पूरी अधिग्रहण प्रक्रिया को भी अवैध घोषित कर दिया। साथ ही, याचिकाकर्ता को जो मुआवजा मिला था, वह रकम एनआरडीए को लौटाने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है।






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