रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार करारी झेल रही कांग्रेस अब अपने संगठन में बदलाव करने जा रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संगठन में बदलाव का फैसला लिया है। सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अहम मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है कि प्रदेश में 41 संगठन जिला अध्यक्षों को बदला जाएगा।जिन पदों पर बदलाव होगा, उनमें एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि हाल ही में जिनकी नियुक्ति हुई है, उन जिला अध्यक्षों को भी बदला जाएगा। अब सभी नियुक्तियां कांग्रेस के नए सृजन अभियान के तहत की जाएंगी। पीसीसी को सितंबर तक यह नियुक्तियां पूरी करने को कहा गया है। इसका उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है।
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क्या लिया गया है फैसला
पहले जब अध्यक्षों के लिए नाम मांगे जाते थे, तब नेता अपने करीबी लोगों का नाम भेजते थे, जिससे योग्य लोगों को मौका नहीं मिल पाता था। अब कांग्रेस ने इस बार एक नया तरीका अपनाया है। इसे 1970 के दशक का इंदिरा गांधी मॉडल भी कहा जा रहा है। इस बार इसे विकेंद्रीकरण यानी नीचे से ऊपर की प्रक्रिया के साथ लागू किया जा रहा है। 30 सितंबर तक बूथ, मंडल, ब्लॉक और जिले के स्तर पर नियुक्तियां की जाएंगी।
राहुल गांधी खुद कर रहे निगरानी
संगठन को मजबूत और सक्रिय बनाने के लिए राहुल गांधी खुद इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। जिला अध्यक्षों के चयन के लिए कांग्रेस ने एक रोडमैप तैयार किया है। इसके मुताबिक, इंटरव्यू के लिए एक सदस्य एआईसीसी से और चार प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारी होंगे। इसमें पूर्व सांसद और विधायक जैसे नेता भी शामिल होंगे। ये सभी जिले में जाकर मजबूत उम्मीदवारों के नामों की सूची बनाएंगे और दिल्ली भेजेंगे। फिर इन नामों में से चयन खुद राहुल गांधी करेंगे।
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रायपुर में हुआ था फैसला
रायपुर में हुए 85वें महाअधिवेशन में कांग्रेस ने यह फैसला लिया है कि एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसके अलावा बाकी बचे 50 फीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के युवाओं को मौका दिया जाएगा।



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