शिक्षक विहीन एवं एकल स्कूलों के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ युक्ति युक्तिकरण

शिक्षक विहीन एवं एकल स्कूलों के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ युक्ति युक्तिकरण


बसना  :  बसना विकासखंड के दुरस्त क्षेत्र बड़े साजापाली, जमदरहा, खोकसा, चनाट, बिरनडबरी, लंबर, बिछिया आदि जगह में अधिकांश स्कूलों में एकल शिक्षक या शिक्षक विहीन शाला थे। कई स्कूल में बच्चे की संख्या 10 से नीचे था। छत्तीसगढ़ शासन के अभिनव पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अलक जगा है। ग्रामीण पालकों में शिक्षक आने पर बहुत खुश है। शिक्षा विभाग पर पहले कई सवाल खड़े कर रहे थे। वहीं ग्रामीण आज इस पहल को स्वागत कर रहे है। ऐसे कई स्कूल है जो 10 वर्ष तक कोई शिक्षक ही पद स्थापना नहीं हुआ था। सभी अपनी व्यवस्था देखकर शहर क्षेत्रों में अपनी पोस्टिंग करा रहे थे। शिक्षा व्यवस्था को सुधार करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की सराहना किया जा रहा है।

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शिक्षक के कमी से शिक्षा विभाग के अधिकारियो को भी बहुत फटकार मिलता था। राजनीति दबाव या फिर ग्रामीणों द्वारा शिक्षक की माँग हमेशा होते रहता था। विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के सिर दर्द बन जाता था। शासन के इस उत्कृष्ट पहल से शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारीगण भी खुश है।

शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते है की स्कूल शिक्षा विभाग का स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का दूरदर्शी निर्णय प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। युक्तियुक्तकरण से न केवल शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित होगा, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा।

इस उत्कृष्ट पहल से जिला कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे, संचालक सतीश नायर, सयुंक्त संचालक नंदू सिन्हा, डीएमसी रेखराज शर्मा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी बद्री विशाल जोल्हे, लोकेश्वर कंवर, विनोद शुक्ला एवं सुदूर अंचल के समन्वयक शासन को बधाई प्रेषित किये है।

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