नगरी : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों और वन्य प्राणियों की नई तस्वीरों के साथ उभर रहा है। जिसके चलते यह टाइगर रिजर्व अब प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा जगह बनते जा रहा है। पहले यह क्षेत्र केवल बाघों और प्राकृतिक जलप्रपातों के लिए जाना जाता था।
इस क्षेत्र में दुर्लभ प्रजातियों के वन्य जीव और रंग-बिरंगे पक्षियों की उपस्थिति दर्ज हो रही है। इस बीच यहां की मनमोहक तस्वीर ड्रोन और टेप कैमरों के माध्यम से सामने आने लगी है। परिणामस्वरूप, उदंती-सीतानदी में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। DFO वरुण जैन के नेतृत्व में काफी बदलाव आया है।
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DFO वरुण जैन की कोशिश ला रही रंग
उल्लेखनीय है कि, जब से वरुण जैन ने उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में उपनिदेशक (DFO) के रूप में पदभार संभाला है, तब से इस रिजर्व में कई सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं। उनके प्रयासों से सौ से अधिक एकड़ क्षेत्र में फैले अवैध अतिक्रमण को हटाया गया है, जिसमें ओडिशा और अन्य सीमावर्ती राज्यों के अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा था। वरुण जैन के आने से शिकार और अवैध कटाई पर भी प्रभावी नियंत्रण लगा है। जिससे अब संरक्षित वन्य प्राणी निर्भय होकर जंगलों में विचरण करते दिखाई दे रहे हैं।
टेक्नोलॉजी से हो रहा प्रकृति का दस्तावेजीकरण
वन विभाग ने रिजर्व क्षेत्र में जगह-जगह टेप कैमरे और ड्रोन कैमरे लगाए हैं। इसके माध्यम से न सिर्फ दुर्लभ प्रजातियों के वन्य प्राणियों की अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं, बल्कि जंगलों के भीतर स्थित मनोरम झरनों और प्राकृतिक स्थलों की तस्वीरें भी प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं।
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