रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को विपक्ष ने शून्यकाल के दौरान प्रदेश में रेत के अवैध खनन पर स्थगन प्रस्ताव लाया। विपक्ष का कहना था कि, जिन नदियों को हम पूजते हैं, वहां रेत के लिए नदियों को छलनी किया जा रहा है।
विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि, पूरे प्रदेश में दो हजार जगहों पर अवैध रूप से रेत का खनन हो रहा है। बाहरी लोग आकर इस काम में लगे हैं। खरसियां विधायक उमेश पटेल ने कहा- पत्राचार करने के बाद भी अवैध रेत खनन पर कार्यवाही नहीं हो रही है। मंत्री से लेकर कलेक्टर तक कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने कहा- प्रदेश में रेत का अवैध खनन किसी से छिपा नहीं है। बिना रॉयल्टी के रेत निकाली जा रही है। आम जनता को बड़ी तकलीफ हो रही है, विरोध करने पर ठेकेदार मारपीट पर उतारू हैं।
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बघेल बोले- रेत माफियाओं ने सरकार को अपनी जेब में रख लिया
विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- रेत माफिया सरकार को अपनी जेब में रखकर काम कर रहे हैं। गुंडागर्दी कर नदियों को खाली करने का षडयंत्र चल रहा है। उन्होंने कहा कि, स्थगन स्वीकार कर इस पर चर्चा कराएं।
स्थगन नामंजूर, विपक्ष का वॉकआउट
जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- स्थगन की सूचना समय पर नहीं दी गई, इसलिए इसे अग्राह्य किया जाता है। स्थगन प्रस्ताव नामंजूर होने पर विपक्ष ने रेत माफियाओं को संरक्षण देने के नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।



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