रायपुर : राजधानी रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाली भारतमाला परियोजना में सामने आए मुआवजा घोटाले की जांच तेज हो गई है। इस बहुचर्चित मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय रायपुर में पेश किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सेवानिवृत्त लोकसेवक, पूर्व जनप्रतिनिधि और अन्य निजी व्यक्ति शामिल हैं, जिन पर फर्जी दस्तावेज और गलत रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा राशि में गड़बड़ी का आरोप है।
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गिरफ्तार आरोपी:
गोपाल राम वर्मा – सेवानिवृत्त अमीन, जल संसाधन विभाग
नरेंद्र कुमार नायक – पदस्थ अमीन, जल संसाधन विभाग
खेमराज कोसले – पूर्व जिला पंचायत सदस्य व अभनपुर जनपद अध्यक्ष
पुनुराम देशलहरे – पूर्व सरपंच, नायकबांधा
भोजराम साहू – निजी व्यक्ति
कुंदन बघेल – पूर्व अध्यक्ष, नगर पंचायत अभनपुर (लगातार 10 वर्षों तक)
इन सभी को मंगलवार को रायपुर विशेष न्यायालय में पेश कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
घोटाले का खुलासा
EOW की जांच में सामने आया है कि जल संसाधन विभाग में पदस्थ दो अधिकारियों ने पहले से अधिग्रहित भूमि को लेकर गलत रिपोर्ट तैयार की थी। इसके अलावा चार अन्य आरोपियों ने राजस्व विभाग के फरार अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी खाता विभाजन (बटांकन) और अन्य दस्तावेजों के जरिए सरकारी मुआवजा राशि का फर्जीवाड़ा किया। आरोप है कि इन लोगों ने किसानों से फर्जी मुआवजा दिलाने के नाम पर मोटी कमीशन भी वसूली।
सरकार को 600 करोड़ की क्षति
भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक 546 किलोमीटर लंबा फोरलेन कॉरिडोर निर्माणाधीन है। इसमें दुर्ग से आरंग तक का हिस्सा सिक्स लेन का प्रस्तावित है। इस सड़क निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कई किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, जबकि कुछ भूमाफिया और फर्जी दस्तावेज धारकों को बेतहाशा मुआवजा राशि प्रदान की गई।
जांच में सामने आया है कि तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण और पटवारी जितेंद्र साहू, बसंती धृतलहरे एवं लेखराम देवांगन ने मिलकर भूमाफियाओं को कई गुना अधिक मुआवजा दिलवाया। इस पूरे घोटाले से सरकार को करीब 600 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति हुई है।
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कार्रवाई की स्थिति
मार्च 2025 में मामला संज्ञान में आते ही तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, जो उस समय जगदलपुर नगर निगम आयुक्त के पद पर पदस्थ थे, सहित अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपी थी। अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि प्रमुख राजस्व अधिकारी निर्भय साहू, शशिकांत कुर्रे, लखेश्वर किरण और तीनों पटवारी फरार हैं। इन सभी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है और EOW द्वारा गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
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