रायपुर : पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के दौरान प्रदेश में सामने आये 3200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने पिछले दिनों 29 में से 23 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। निलंबन की इस कार्रवाई को किसी भी राज्य द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इन अधिकारियों पर वर्ष 2019 से 2023 के बीच भ्रष्टाचार कर करीब 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां भी बनाने का आरोप है।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
वही आज इन सभी निलंबित अधिकारियों की कोर्ट में पेशी है। सभी निलंबित अधिकारियों ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है जिस पर भी सुनवाई होनी है। कोर्ट ने आज यानी 18 जुलाई को पेश होने का नोटिस जारी किया था।
दरअसल आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह खुलासा हुआ था कि यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के जरिये संचालित हो रहा था, जिसमें आरोपी आबकारी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसका खुलासा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना देर के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। जिनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा शामिल हैं। इसी प्रकार सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं।
ये भी पढ़े : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने X में किया पोस्ट, ED आ गई....
Comments