रायपुर : छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन बुधवार को सातवें दिन भी जारी रहा। रायपुर के नवा रायपुर स्थित तूता धरना स्थल से बड़ी संख्या में कर्मचारी विधानसभा घेराव के लिए निकले, जिनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रहीं। इस दौरान पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग कर रोकने की कोशिश की गई, जिससे पुलिस और कर्मचारियों के बीच झूमाझटकी हुई। प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. खेमराज सोनवानी और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। आंदोलन के चलते प्रदेशभर में दो दिनों तक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं।
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प्रमुख मांगे
नियमितीकरण
जॉब सुरक्षा
ग्रेड पे
अनुकंपा नियुक्ति
मेडिकल बीमा
27% लंबित वेतन वृद्धि
आंदोलन की चरणबद्ध रूपरेखा
10 जुलाई: विधायकों को ज्ञापन
11 जुलाई: भाजपा जिलाध्यक्षों को ज्ञापन
12-15 जुलाई: काली पट्टी लगाकर ड्यूटी
16 जुलाई: सभी 33 जिलों में ताली-थाली रैली
17 जुलाई: विधानसभा घेराव
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि यदि 15 अगस्त 2025 तक मांगों पर ठोस निर्णय नहीं हुआ, तो प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी जाएंगी और आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा।
NHM कर्मियों की व्यथा
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वे 20 वर्षों से नियमितीकरण और समान वेतन की मांग कर रहे हैं। कोरोना काल में कोरोना योद्धा कहलाने वाले कर्मचारियों को अब उपेक्षित किया जा रहा है। डबल इंजन की सरकार के बावजूद उन्हें ताली-थाली बजाकर विरोध दर्ज कराना पड़ रहा है। प्रवक्ता पूरन दास ने कहा कि 100 से अधिक ज्ञापन सौंपने के बावजूद सरकार चुप्पी साधे हुए है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है।
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