बरसात में सब्जियों की खेती करना चाहते हैं तो चलिए एक अनोखी सब्जी की खेती के बारे में बताते हैं जिससे प्रति एकड़ 120000 से ज्यादा मुनाफा कम कीमत में भी मिल सकता है-बरसात में सब्जियों की खेती करना चाहते हैं, कुछ अलग सब्जी लगाना चाहते हैं, तो यहां पर आपको एक ऐसी सब्जी की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी बाजार में कीमत कम मिलेगी तब भी अच्छी कमाई कर पाएंगे। दरअसल यहां पर काचरी की खेती की बात की जा रही है। काचरी गर्म जलवायु में भी अच्छा उत्पादन देती है। जिसमें अगर कीमत ₹12 मिलती है और उत्पादन 80 क्विंटल तो भी 120000 तक कमाई कर सकते हैं।
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काचरी की खेती से किसानों को विभिन्न किस्म के आधार पर 95 से 120 क्विंटल तक उत्पादन प्रति हेक्टेयर मिल सकता है। वही एकड़ में 60 से 80 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है। जिसमें अगर कीमत ₹1500 प्रति क्विंटल भी मिलती है तो भी 120000 रुपए तक की आमदनी हो सकती है।
काचरी की खेती का समय
इस समय बरसात का मौसम चल रहा है, जुलाई के अंत तक या जब तक बारिश होती है तब तक किसान काचरी की खेती कर सकते हैं। इसके अलावा फरवरी में भी काचरी की बुवाई की जाती है। काचरी की फसल को तीन से चार दिन में सिंचाई की जरूरत होती है। इसलिए बरसात में इसकी खेती अच्छा विकल्प होती है। काचरी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बढ़िया मानी जाती है। लेकिन सभी तरह की मिट्टी में अच्छा उत्पादन मिल जाता है। 5.5 से 6.5 के बीच का पीएच मान इसके लिए अनुकूल माना जाता है।
काचरी की बुवाई कैसे करें
काचरी की खेती अगर सही विधि से करेंगे तो उत्पादन बढ़ा सकते हैं। जिसमें काचरी की फसल को 1.5 से 2.00 मीटर की दूरी में देशी हल के जरिए भी बोया जा सकता है। जिसमें गहरे कुंडे बनाए जाते हैं और उर्वरक के साथ बीज की बुवाई करते हैं। कुंडो में 50-50 सेमी की दूरी के अंतराल में तीन-चार बीजों की बुवाई कर सकते हैं। फसल अच्छी हो इसके लिए 25 से 40 दिन के बीच में निराई गुड़ाई करें ताकि खरपतवार निकल जाए।
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