सावन माह भगवान शिव के प्रति समर्पित माना गया है। इस पूरे माह भगवान शिव व उनके परिवार की पूजा करने का विधान है। इस साल यह माह 11 जुलाई से आरंभ हो गया है, जो 9 अगस्त तक चलेगा। भक्त भगवान शिव को जलाभिषेक, बेलपत्र, भांग, धतूरा और कई तरह के फल-फूल अर्पित करते हैं। माना जाता है कि इससे भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त को आशीर्वाद देते हैं। भगवान शिव वैसे तो बहुत भोले देव हैं लेकिन अगर उन्हें क्रोध आ जाए तो एक पल में वह सबकुछ खत्म कर सकते हैं, इसलिए कोई भी उन्हें क्रोध दिलाने की गुस्ताखी नहीं करता। ऐसे में कुछ फल हैं जो भगवान शिव को नहीं चढ़ानी चाहिए...
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केला
पुराणों और शास्त्रों में कहा गया है कि केले के उत्पत्ति भगवान शिव के रौद्र रूप और ब्राह्मण के श्राप के कारण हुई थी। ऐसे में कभी भी शिवलिंग पर केला नहीं चढ़ाना चाहिए।
नारियल
कहते हैं नारियल की उत्पत्ति समुद्र मंथन की प्रक्रिया के समय हुई और इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। ऐसे में माना जाता है कि भगवान शिव को नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि यह शिव को लक्ष्मी जी अर्पित करने जैसा है, जो कि शास्त्रों के मुताबिक वर्जित है।
जामुन
जामुन को भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। शास्त्रों में इसे भी शुद्ध नहीं माना गया है।
अनार
शिवलिंग पर संपूर्ण अनार नहीं चढ़ाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि अनार पूरी तरह से शुद्ध नहीं है इसी कारण इसे शिवजी को अर्पित करना उचित नहीं माना जाता। हालांकि, अनार के रस से अभिषेक किया जा सकता है।
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कटहल
भगवान शिव को भूलकर भी कटहल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि कटहल में तमो गुण विद्यमान होता है। जो कि राक्षसी प्रवृत्ति को जन्म देता है।
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