दुर्ग : चैतन्य संस्था और स्थानीय ग्राम दीदियों के संयुक्त तत्वावधान में, तथा सरपंच के सक्रिय सहयोग से, दुर्ग जिले के पाटन, धमधा और दुर्ग ब्लॉक के ग्राम झाड़मोखली, ग्राम गुजरा, ग्राम बोरसी और ग्राम चिंगरी में दो दिवसीय यूथ कैंप का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को विभिन्न सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करना, उनके व्यक्तित्व का विकास करना और उन्हें समाज के महत्वपूर्ण विषयों से परिचित कराना था।इस यूथ कैंप में स्व-मूल्यांकन, व्यक्तित्व विकास, प्यार और आकर्षण, जेंडर, पॉक्सो एक्ट, साइबर क्राइम और नशे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संवादात्मक एवं सहभागिता-आधारित सत्र आयोजित किए गए। युवाओं ने इन सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने विचार खुलकर साझा किए, जिससे एक सकारात्मक और सीखने का माहौल निर्मित हुआ।
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जेंडर समानता पर विशेष बल
कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण "जेंडर" विषय पर हुई गहन चर्चा रही। सत्र में प्रतिभागियों को जेंडर और सेक्स के बीच का अंतर स्पष्ट रूप से समझाया गया। बताया गया कि जहाँ सेक्स एक जैविक पहचान है, वहीं जेंडर समाज द्वारा निर्धारित भूमिकाओं, अपेक्षाओं और व्यवहारों का समूह है, जो यह तय करता है कि एक लड़का या लड़की कैसे बातचीत करे, चले, कपड़े पहने और व्यवहार करे। इस चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि समाज अक्सर लड़कों से मज़बूत और आत्मनिर्भर बनने की अपेक्षा करता है, जबकि लड़कियों से विनम्रता और त्याग की। यह सामाजिक सोच ही जेंडर-आधारित भेदभाव को जन्म देती है। सत्र में जेंडर समानता के महत्व पर जोर दिया गया, जिसका अर्थ है कि हर व्यक्ति को उसकी क्षमता के अनुसार अवसर और सम्मान मिलना चाहिए, न कि उसके लिंग के आधार पर। युवाओं ने इस विषय पर सवाल पूछे, अपने अनुभव साझा किए, और एक गतिविधि के माध्यम से ‘जेंडर रोल’ की अवधारणा को गहराई से समझा।
सहज संवाद और युवाओं का सशक्तिकरण
इस दो दिवसीय कैंप का संचालन राज्य समन्वयक योगिता झिलपे, जिला समन्वयक सुनीता अहीर, GESI समन्वयक सृष्टि मिश्रा, ट्रेनिंग एसोसिएट हुबलाल देशमुख और प्रिया शर्मा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किया गया। ग्राम दुर्गेश्वरी पटेल, प्रीति साहू, होमेश्वरी साहू, संगीता देशमुख और यशवंत साहू ने भी शिविर में सक्रिय भूमिका निभाते हुए युवाओं को सहज तरीके से संवाद में जोड़ने में मदद की।
युवाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया
शिविर के अंत में प्राप्त फीडबैक अत्यंत सकारात्मक रहा। युवाओं ने कैंप को "बहुत उपयोगी और सोचने योग्य" बताया। उनका कहना था कि उन्हें ऐसे संवेदनशील विषयों पर पहली बार खुलकर बात करने का अवसर मिला। जेंडर, प्यार और आकर्षण, साइबर सुरक्षा और पॉक्सो जैसे विषयों पर हुए सहज संवाद ने उनमें आत्मविश्वास पैदा किया। प्रतिभागियों ने चैतन्य संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे जागरूकता शिविरों की निरंतरता की मांग की।यह सफल आयोजन ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें एक जागरूक नागरिक के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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