बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जशपुर जिले की दो नाबालिग बच्चियां रोते बिलखते मिलीं हैं। दोनों बच्चियों को घरेलू काम करवाने के लिए बिलासपुर लाया गया था। बताया जा रहा है कि, यहां एक पुलिसकर्मी के घर में दोनों बच्चियां काम करती थीं। बच्चियों ने इसके साथ ही मारपीट और प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों बच्चियों को चाइल्ड केयर में भेज मामले की जांच शुरू कर दी है। बच्चियों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एंगल से भी पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामला पूरा तोरवा क्षेत्र का है।
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दरअसल, लालखदान क्षेत्र के स्थानीय लोगों से पुलिस को सूचना मिली कि, दो नाबालिग बच्चियां एक मोबाइल दुकान के पास रो रोकर बिलख रही हैं। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और बच्चों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि, दोनों नाबालिग बच्चियां जशपुर जिले की रहने वाली हैं। यहां उन्हें घरेलू काम करवाने के लिए लाया गया था। अरुण लकड़ा नाम के पुलिसकर्मी के घर में वे काम करती थीं। अब वे यहां काम नहीं करना चाहती हैं और यहां नहीं रहना चाहती हैं। काम के नाम पर उनके साथ मारपीट किया जाता है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।
बच्चियों के परिजनों से किया जा रहा संपर्क
उन्होंने ने बताया कि, उनके मुंहबोले रिश्तेदारों ने उन्हें यहां लाकर छोड़ दिया है। काम का पैसा भी वहीं ले लेते हैं। पुलिसकर्मी अरुण लकड़ा जिसका नाम बच्चियां ले रही हैं, वो पुलिस लाइन में पदस्थ बताया जा रहा है। हालांकि, अरुण बच्चियों के साथ मारपीट और प्रताड़ना से इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि, परिजनों की सहमति से बच्चियों को ओपन की पढ़ाई के लिए यहां लाया गया था। बहरहाल, बच्चियों को चाइल्ड लाइन भेज दिया गया है। परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एंगल से भी जांच की जा रही है।
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