बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में लग्जरी कारों का विडियो सोशल मिडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जहां शहर के रईसजादों ने बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे को जाम कर इसका रील इंस्टाग्राम पर शेयर भी किया था। लेकिन अब इस मामले को लेकर अब हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पूछा कि, वाहन जब्त क्यों नहीं किए गए? शासन10 दिनों के भीतर जवाब दे।
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नेशनल हाईवे जामकर बनाई थी रील
उल्लेखनीय है कि, बिलासपुर- रतनपुर नेशनल हाईवे 130 जामकर पिछले दिनों कुछ युवाओं ने रील बनाई थी। रायपुर रोड स्थित टोयोटा शोरूम से फॉर्च्यूनर गाड़ी खरीदने के बाद बिलासपुर–रतनपुर मुख्य मार्ग में कोनी थाना क्षेत्र में गाड़ियों के काफिला को खड़ा कर पूरी सड़क जाम कर दी गई। जिसके चलते यातायात बाधित हुआ और लोगों को परेशानी हुई। इसके लिए बाकायदा स्टूडियो से फोटोग्राफर और ड्रोन कैमरा मंगा कर शूटिंग करवाई और धौंस जमाने वाले अंदाज में सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया। सोशल मीडिया में ट्रोल होने के बाद उक्त आईडी बंद कर दी गई। दो दिनों तक यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होता रहा पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।
वीडियो वायरल होने के बाद काटा गया चालान
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने दिखावे की कार्यवाही करते हुए सात गाड़ियों पर दो- दो हजार रुपए का चालान ही किया गया। ना तो नेशनल हाईवे जाम करने पर बीएनएस की धाराओं में अपराध दर्ज किया गया और ना ही अन्य मामलों की तरह पुलिस ने रसूखदार युवाओं का फोटो या फिर नाम सोशल मीडिया में जारी किया। पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में केवल 6 गाड़ियों पर 12 हजार रुपए जुर्माना करने का उल्लेख किया गया था। बाद में एक अन्य गाड़ी पर भी जुर्माना किया गया। पुलिस की इस कार्यवाही पर जमकर सवाल उठे थे और सोशल मीडिया में बिलासपुर पुलिस को ट्रोल किया गया था।
चीफ जस्टिस ने गाड़ियां जब्त करने पर उठाये सवाल
इस मामले को हाईकोर्ट ने आज स्वतः संज्ञान लिया। कॉज लिस्ट में 19 वें नंबर पर यह मामला लिस्ट किया गया था। लंच ब्रेक से पहले चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। मामले में पुलिस की दिखावे की सिर्फ चालानी कार्रवाई करने पर चीफ जस्टिस जमकर नाराज हुए। नेशनल हाईवे जाम करने वाली महंगी गाड़ियों को जब्त नहीं करने पर बेंच ने सवाल उठाए। चीफ जस्टिस ने कहा कि अन्य मामलों में पुलिस गाड़ियां जप्त कर थाने में खड़ी करवा लेती है। इस मामले में न तो गाड़ियां जप्त की गई और ना ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अन्य धाराएं लगाई गई। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में पूछा है कि पुलिस ने क्या एक्शन लिया है और मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा अन्य धाराएं लगाकर गाड़ी जप्त करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? मामले की अगली सुनवाई में राज्य सरकार को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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