जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में हिरण के अवैध शिकार मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के के दौरान दोनों आरोपियों ने हिरण के अवैध शिकार की बात स्वीकार कर ली है। तीरथगढ़ बिट कक्ष क्रमांक 165 में 17 जुलाई को एक हिरण मृत अवस्था में पाया गया था। जिसके शरीर में तीर लगा हुआ था।
यह घटना नेशनल हाईवे 30 के जगदलपुर से दरभा रोड के मध्य पेदावाड़ा बैरियर के पास घटित हुई थी। मृत हिरण को परिक्षेत्र सहायक, बिट गार्ड एवं गश्ती दल द्वारा नियमित गश्ती के दौरान देखा गया था। वन विभाग द्वारा इस घटना को गंभीर अपराध मानते हुए तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के वरिष्ठ अधिकारी एवं फील्ड स्टाफ मौके पर पहुंचे थे।
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तीन लोगों ने किया था शिकार
इस संबंध में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत अज्ञात शिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की गई थी। वन विभाग ने मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसने तीरथगढ़, पैदावाड़ा, दरभा एवं कोटमसर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में सूचनाएं एकत्रित कीं। जांच के दौरान मुखबिरों की सूचना पर तीरथगढ़ के पटेलपारा से तीन संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पकड़ा गया।
आरोपियों को भेजा गया जेल
मुख्य वन संरक्षक, स्टॉयलो मण्डावी (भा.व.से) वन्यप्राणी के मार्गदर्शन में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक संदीप बालगा, सहायक वन संरक्षक कमल नारायण तिवारी एवं गठित विशेष जांच दल द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए दोनों अपराधियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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वन्यप्राणियों के शिकार करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान निदेशक ने कहा- वन विभाग क्षेत्र में गश्ती दल, गुप्तचर तंत्र तथा निगरानी कर रही है। इसके अतिरिक्त संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है और घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान जारी है। वन विभाग पुनः स्पष्ट करता है कि, वन्यप्राणियों के अवैध शिकार जैसी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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