आज से शुरू हुए मानसून सत्र के बीच जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा है। अपने इस्तीफे में धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।
स्वास्थ्य देखभाल की प्राथमिकता पर जोर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा, 'स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।'
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कार्यकाल में आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास देखा
धनखड़ ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में ये भी कहा कि उपराष्ट्रपति रहने के दौरान उन्होंने भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना सौभाग्य और संतोष की बात है। साथ ही धनखड़ ने कहा कि राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना एक सच्चा सम्मान है।
सीने में दर्द के चलते अस्पताल में हुए थे भर्ती
बता दें कि जगदीप धनखड़ को 9 मार्च 2025 को सीने में दर्द और असहजता की शिकायत के बाद दिल्ली के AIIMS में कार्डियक विभाग के क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में भर्ती कराया गया था। तब उनकी स्थिति स्थिर बताई गई थी। 12 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति बनने से पहले जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। धनखड़ को 30 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल का 29वां राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे एक अनुभवी वकील और राजस्थान से सांसद और विधायक भी रह चुके थे।
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