आज यानी 22 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर प्रदोष व्रत और मंगला गौरी व्रत किया जा रहा है। साथ ही आज कामिका एकादशी व्रत का पारण किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से सभी डर दूर होते हैं और मंगला गौरी व्रत से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मंगलवार के दिन कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग के बारे में।
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तिथि: कृष्ण द्वादशी
मास पूर्णिमांत: सावन
दिन: मंगलवार
संवत्: 2082
तिथि: कृष्ण द्वादशी प्रातः 07 बजकर 05 मिनट तक
योग: ध्रुव दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक
करण: तैतिल प्रातः 07 बजकर 05 मिनट तक
करण: गरज सायं 05 बजकर 51 मिनट तक
करण: 23 जुलाई को वणिज प्रातः 04 बजकर 39 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
चंद्रोदय: 23 जुलाई को प्रातः 03 बजकर 35 मिनट पर
चन्द्रास्त: शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
सूर्य राशि: कर्क
चंद्र राशि: वृषभ
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक
अमृत काल: प्रातः 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहु काल: दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से सांय 05 बजकर 35 मिनट तक
गुलिक काल: दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक
यमगंड काल: प्रातः 09 बजकर 02 मिनट से प्रातः 10 बजकर 45 मिनट तक
आज चंद्रदेव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे..
मृगशिरा नक्षत्र: सायं 07 बजकर 24 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: परिवर्तनशील, कूटनीतिक, आकर्षक, संवेदनशील, बुद्धिमान, संवाद में कुशल, बुद्धिमत्ता, आकर्षक रूप-रंग, कूटनीतिक प्रवृत्ति और हीन भावना
नक्षत्र स्वामी: मंगल
राशि स्वामी: शुक्र, बुध
देवता: सोम - अमर अमृत के देवता
प्रतीक: हिरण का सिर
भौम प्रदोष व्रत 2025
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को संध्या के समय भगवान शिव की आराधना के लिए रखा जाता है। जब यह व्रत मंगलवार को पड़ता है, तब इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। मंगलवार मंगल ग्रह का दिन होता है, जो साहस, ऊर्जा, ऋण निवारण और रोग शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवपूजन करने से विशेष रूप से ऋण मुक्ति, शारीरिक रोगों से राहत और शत्रुनाश का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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