भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर के प्रतिष्ठित ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाएगा। यह मैदान भारतीय टीम के लिए अब तक भाग्यशाली नहीं रहा है। दरअसल, भारत ने यहां अपने 89 साल के टेस्ट इतिहास में कभी भी जीत का स्वाद नहीं चखा है। इस बार कप्तान शुभमन गिल की अगुआई में टीम इंडिया इस ऐतिहासिक मैदान पर जीत की नई इबारत लिखने के इरादे से उतरेगी।
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ओल्ड ट्रैफर्ड में ऐसा रहा है भारत का प्रदर्शन
भारत ने पहली बार इस मैदान पर जुलाई 1936 में टेस्ट मुकाबला खेला था, जो ड्रॉ रहा। इसके बाद 1946 में भी मैच का नतीजा नहीं निकल सका। 1952 में इंग्लैंड ने पारी और 207 रन से भारत को करारी शिकस्त दी। फिर 1959 में भारत को 171 रन से हार झेलनी पड़ी। साल 1971 में खेला गया टेस्ट मुकाबला भी ड्रॉ रहा। इसके बाद 1974 में इंग्लैंड ने भारत को 113 रन से हराया। 1982 और 1990 के टेस्ट मैच भी ड्रॉ रहे। आखिरी बार 2014 में भारत ने इस मैदान पर टेस्ट खेला था, जिसमें उसे पारी और 54 रन से हार का सामना करना पड़ा। कुल मिलाकर भारत ने ओल्ड ट्रैफर्ड में 9 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 4 हारे और 5 ड्रॉ रहे, लेकिन एक भी जीत नहीं मिली।
गिल की कप्तानी में बदलेगा भाग्य?
इस बार टीम की कमान युवा शुभमन गिल के हाथों में है, जिनके नेतृत्व में भारत बर्मिंघम में पहली बार टेस्ट जीत चुका है। 25 साल के कप्तान से एक बार फिर टीम को बड़ी उम्मीदें हैं। टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में भारत को पांच विकेट से हार मिली थी, लेकिन दूसरे मैच में उसने जोरदार वापसी करते हुए 336 रन से जीत दर्ज की और सीरीज 1-1 से बराबर कर दी। लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में भारत को रोमांचक मुकाबले में 22 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी, जिससे इंग्लैंड ने 2-1 की बढ़त बना ली।
टीम इंडिया के सामने करो या मरो की स्थिति
पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को अगर खिताब जीतना है, तो उसे मैनचेस्टर और अंतिम टेस्ट दोनों मुकाबले हर हाल में जीतने होंगे। टीम का लक्ष्य सिर्फ बराबरी नहीं, बल्कि ओल्ड ट्रैफर्ड में इतिहास रचना और 89 साल पुराना सूखा खत्म करना भी है। क्या गिल की युवा ब्रिगेड इस बार वो करिश्मा कर पाएगी जो अब तक कोई भारतीय टीम नहीं कर सकी? जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा, लेकिन टीम इंडिया से फैंस को काफी उम्मीदें हैं।
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