वाशिंगटन: इजरायल ने पिछले सप्ताह सीरिया की राजधानी दमिश्क और दक्षिणी शहर सुवेदा पर हमला किया था। इजरायल का यह हमला सीरिया में राष्ट्रपति भवन के पास हुआ था जिसमें रक्षा मंत्रालय का एक हिस्सा नष्ट हो गया था। इजरायल के इन हमलों को लेकर व्हाइट हाउस ने अपना रुख साफ किया है। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीरिया पर इजरायली हमलों के बारे में जानकारी नहीं थी।
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ट्रंप ने नेतन्याहू को किया फोन
व्हाइट हाउस की ओर से यह भी बताया गया है कि ट्रंप ने हालात सुधारने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप "सीरिया में बमबारी और गाजा में एक कैथोलिक चर्च पर बमबारी से अचंभित थे। दोनों ही मामलों में, राष्ट्रपति ट्रंप ने तुरंत प्रधानमंत्री नेतन्याहू को इन स्थितियों को सुधारने के लिए फोन किया।"
इजरायल और सीरिया में हुआ सीजफायर
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बीच अच्छे संबंध हैं और आप जानते ही हैं, वह उनके साथ लगातार संपर्क में रहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "सीरिया के मामले में, हमने वहां तनाव कम होते देखा है।" इजरायल और सीरिया ने अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
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इजरायल ने इस वजह से किया था हमला
बता दें कि, इजरायल ने हाल ही में दक्षिणी सीरिया के सुवेदा क्षेत्र में हुई झड़पों में हस्तक्षेप किया था जहां सेना और दरोज सशस्त्र समूहों के बीच संघर्ष विराम टूट जाने के बाद झड़पें शुरू हो गई थीं। तब इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा था कि इजरायली रक्षा बल (IDF) सीरिया में दरोज समुदाय की रक्षा करेगा। दरोज धार्मिक संप्रदाय की शुरुआत 10वीं शताब्दी में हुई थी। दुनिया भर में लगभग 10 लाख दरोज हैं जिनमें से आधे से ज्यादा सीरिया में रहते हैं। इसके बाद, ज्यादातर दरोज लेबनान और इजरायल में रहते हैं जिनमें गोलान हाइट्स भी शामिल है।
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