अरहर की ये किस्म की खेती बहुत अच्छी मानी जाती है इसकी खेती में लागत कम आती है और मुनाफा ज्यादा होता है तो चलिए जानते है कौन सी किस्म है।अरहर की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाली किस्म का चयन करना बहुत लाभकारी साबित होती है। आज हम आपको अरहर की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे है जो बहुत अधिक उपज देने के लिए जानी जाती है ये किस्म कठा रोग (विल्ट) के प्रति मध्यम प्रतिरोधी होती है। इसकी फलियां हरी और काली धारियों वाली होती है और इसके दाने लाल और भूरे रंग के बड़े होते है। आप इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते है। हम बात कर रहे है अरहर की JKM 189 किस्म की खेती की ये अरहर की एक उन्नत किस्म है जो देर से बोने के लिए उपयुक्त है। ये किस्म उन किसानों के लिए अच्छी है जो खरीफ सीजन में देर से बुवाई करना चाहते है।
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कैसे करें खेती
अरहर की JKM 189 किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में अच्छे से जानना होगा जिससे खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी। अरहर की JKM 189 किस्म की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है इसकी बुवाई से पहले खेत को जोतकर अच्छे से तैयार करना चाहिए और मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद डालनी चाहिए। बुवाई के लिए करीब 15 से 18 कि. ग्रा. प्रति हेक्टेयर बीज पर्याप्त होता है। बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना चाहिए। बुवाई के बाद अरहर की JKM 189 किस्म की फसल करीब 130 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है।
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कितनी होगी पैदावार
अगर आप अरहर की JKM 189 किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त बंपर उत्पादन देखने को मिलेगा एक हेक्टेयर में अरहर की JKM 189 किस्म की खेती करने से करीब 20 से 22 क्विंटल की पैदावार होती है आप इसकी खेती से करीब 2.5 से 3 लाख रूपए की कमाई कर सकते है। अरहर की JKM 189 किस्म की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है ये अरहर की एक उच्च गुणवत्ता वाली किस्म है।
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