दंतेवाड़ा : "पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन" अभियान बस्तर रेंज के माओवाद प्रभावित सात जिलों—सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर और कांकेर—में शांति, विकास और सामाजिक सौहार्द की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभियान आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल विकास, स्वरोजगार, मनोवैज्ञानिक परामर्श और सामाजिक पुनर्स्थापना के माध्यम से मुख्यधारा में लाकर आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन प्रदान करता है। पिछले 18 महीनों में दंतेवाड़ा में 81 ईनामी माओवादियों सहित 353 से अधिक माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज से जुड़ने का फैसला किया है।
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अभियान का लक्ष्य माओवादी विचारधारा का खात्मा, स्थायी शांति और समावेशी विकास है। माओवादी कैडरों से अपील की गई है कि वे हिंसा त्यागकर पुनर्वास नीति-2025 का लाभ उठाएं और बस्तर के प्रगतिशील भविष्य में भागीदार बनें। यह पहल न केवल पुनर्वास है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है, जो दंतेवाड़ा और बस्तर को शांति और समृद्धि की ओर ले जा रहा है।
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