रायपुर : महासमुंद के शासकीय मेडिकल कॉलेज से निकली शिकायत के बाद सीजीएमएससी ने बैच जी-409 के सर्जिकल ब्लेड के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है। इस मामले में दवा कार्पोरेशन की ओर से सभी मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों को ब्लेड वापस कर नये बैच की सप्लाई करने आश्वासन दिया है। जंग लगे ब्लेड के ऑपरेशन थियेटर में उपयोग से मरीज को सेप्टिक होने का खतरा था। इस सर्जिकल ब्लेड की सप्लाई मुंबई की गोल्डविन मेडिकेयर लिमिटेड द्वारा की गई थी।
महासमुंद मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ ने प्रबंधन के माध्यम से दवा कार्पोरेशन को सूचना दी, अस्पताल द्वारा बैच नंबर जी 409 का पैकेट खोला गया था, जिसके सर्जिकल ब्लेड में जंग लगा हुआ था। इस दौरान यह आशंका जताई गई थी कि इसके उपयोग से मरीजों को सेप्टिक हो सकता है। इसके बाद सीजीएमएससी द्वारा इसके उपयोग पर रोक लगाई गई थी। मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई गई थी। जांच के बाद इस बैच के सर्जिकल ब्लेड साइज 22 को उत्पाद में अयोग्य पाए जाने के बाद सभी मेडिकल कॉलेजों तथा शासकीय अस्पताओं से वापस मंगवाया है। सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई साहू ने बताया कि संबंधित फर्म से पुराने बैच के सर्जिकल ब्लेड के बदले नए बैच की आपूर्ति सभी अस्पतालों में की जाएगी।
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मिली थी और भी शिकायत
सर्जिकल ब्लेड के अलावा ग्लूकोज चढ़ाने वाले सेट, मिर्गी का झटका रोकने वाली दवा और प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की शिकायत के बाद उसके उपयोग पर भी रोक लगाई गई थी। दवा निगम की महाप्रबंधक का दावा था कि इन मामलों की जांच की जा रही है और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित संस्थानों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। तेरह दिन बीतने के बाद भी इस मामले में अब तक किसी तरह का एक्शन नहीं लिया गया है।
शुरुआती दौर में क्लीन चिट
महासमुंद मेडिकल कालेज से शिकायत मिलने के बाद प्रारंभिक जांच में सर्जिकल ब्लेड को क्लीन चिट देने का प्रयास किया गया था। महासमुंद ड्रग वेयर हाउस के सहायक प्रबंधक की ओर से सीएचसी छुरा, बागबहरा और बसना में किसी तरह की शिकायत नहीं होने की पुष्टि की गई थी। साथ ही अन्य संस्थानों से भी शिकायत नहीं मिलने के दावे किए गए थे। हालांकि विभागीय स्तर पर इसकी पुनः जांच कराने के बाद कार्रवाई की गई है।
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