दंतेवाड़ा : जिला दन्तेवाड़ा में चलाये जा रहे छत्तीसगढ़ शासन की बस्तर रेंज के माओवादी प्रभावित जिलों में शांति स्थापना, पुनर्वास और सामाजिक पुनर्स्थापना की दिशा में चलाए जा रहे पूना मारगेमः पुनर्वास से पुनर्जीवन तथा नक्सल उन्मूलन लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद कर शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गाँव -गाँव तक किया जा रहा है, इसके प्रभाव में लगातार शीर्ष माओवादियों सहित भटके हुए माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है। नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा, माओवादी संगठनों के भीतर आंतरिक मदभेद और जंगलो में रहने की कठिनाईयों सेे तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प करके 05 ईनामी माओवादी सहित 15 माओवादियों ने आत्मसमर्पण की इच्छा जाहिर करते हुये लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान के तहत दिनांक 24 जुलाई 2025 को लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपना विश्वास जाहिर करते हुए समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए ईच्छा जाहिर कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय दन्तेवाड़ा में आत्मसमर्पण किये।इनमें कई कैडर वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय थे और अब संगठन की जन विरोधी, हिंसक और दिशाहीन विचारधारा से मोह भंग के कारण उन्होंने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया है।लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 254 ईनामी माओवादियों सहित कुल 1020 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण जिसमें जिला दन्तेवाड़ा के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर के 824 पुरूष माओवादी तथा 196 महिला माओवादी शामिल हैं।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
Comments