दंतेवाड़ा : अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक गौरव राय के निर्देशन में गीदम पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदित पुष्कर और आर.के. बर्मन के मार्गदर्शन तथा एसडीओपी गोविंद दीवान के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय पटेल के नेतृत्व में यह ऑपरेशन चलाया गया।
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24 जुलाई 2025 को वाहन चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध मोटरसाइकिल को रोका गया। जांच में चालक के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले और वाहन का पंजीयन नंबर एक कार से संबंधित पाया गया। पूछताछ में मुख्य आरोपी गुलशन नाहटा (निवासी गीदम) ने स्वीकार किया कि वह अपने गैरेज के पीछे चोरी की मोटरसाइकिलें छिपाता था। उसने खुलासा किया कि वह हैदराबाद से चोरी की मोटरसाइकिलें—स्पलेंडर, बुलेट और पल्सर—लाकर अपने साथियों कैलाश निषाद (निवासी जगदलपुर) और रिज्जू के.जे. (निवासी गीदम) के साथ मिलकर फर्जी नंबर प्लेट और RC बुक बनवाकर उन्हें बेचता था।
आरोपी की निशानदेही पर पांच मोटरसाइकिलें (दो बुलेट, दो स्पलेंडर, एक पल्सर) बरामद की गईं, जिनकी अनुमानित कीमत 7.5 लाख रुपये है। फर्जी दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल प्रिंटर और अन्य सामग्री भी जब्त की गई।थाना गीदम में अपराध क्रमांक 73/2025 के तहत BNS की धारा 303(2), 317(2), 336(2), 340(2), 345(2)(3), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया। तीन आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर दंतेवाड़ा न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारी और कर्मचारी:
उपनिरीक्षक शशिकांत यादव, सहायक उपनिरीक्षक संतोष यादव, सहायक उपनिरीक्षक प्रशांत सिंह, प्रधान आरक्षक राजकुमार सिंह (341), प्रधान आरक्षक मनोज भारद्वाज (634), आरक्षक केशव पटे (308)।
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