नई दिल्ली: किसी को सुबह-सुबह दूध-पत्ती वाली चाय चाहिए तो किसी को ग्रीन टी के साथ अपने दिन की शुरुआत करना पसंद है, लेकिन चाय के इतने रूप हैं कि आप भी हैरान रह जाएंगे। तो आइए चाय की अलग-अलग प्यालियों का स्वाद चखें।
ग्रीन टी
इसे इसके ताजगी भरे स्वाद और हरे रंग के लिए जाना जाता है। सेहत को मिलने वाले इसके फायदों की वजह से पूरी दुनिया में लोग इसकी चुस्कियों का आनंद लेते हैं।
ऐसे तैयार होती है ग्रीन टी- चाय की ताजी पत्तियों को पैन पर फ्राय किया जाता है, जिससे उसका नेचुरल कलर और पोषण बरकरार रहता है। इसमें हल्की मिठास और घास जैसी सौंधी महक आती है। मूल रूप से यह चीन की चाय है लेकिन उसके बाद एशिया और दुनिया के बाकी हिस्सों में पहुंच गई।
कैमोमाइल टी
यह चाय सुकून देती है। हर्बल और सौम्य-सा स्वाद लिए कैमोमाइल टी काफी फायदेमंद होती है।
सूखे फूलों से बनती है कैमोमाइल टी- सूखे कैमोमाइल या बबूने के फूल के नेचुरल स्वाद और सुगंध लाने के लिए इसे गर्म पानी में डुबोया जाता है। यह एक हल्का, फूलों-सा स्वाद देता है, जिसमें थोड़ी मिठास होती है और हर घूंट के साथ आपको सुकून का एहसास होता है। वैसे तो आज कैमोमाइल टी पूरी दुनिया में पी जाती है लेकिन इसकी जड़ें मिस्र, ग्रीस और रोम से जुड़ी हैं।
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ब्लैक टी
इसे इसके बोल्ड फ्लेवर और एनर्जी देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि पूरी दुनिया में चाय के दीवाने ब्लैक टी पसंद करते हैं।
इस तरह बनाते हैं ब्लैक टी-ब्लैक टी तैयार करने के लिए पहले पत्तियों को तोड़कर उसे मुरझाने के लिए रखा जाता है, उन्हें रोल कर ऑक्सीडाइज़ किया जाता है और फिर सुखाने का काम होता है। ऐसी प्रक्रिया की वजह से ही ब्लैक टी को एक गहरा रंग और कड़क स्वाद मिलता है। यह चाय भी चीन से आई है और भारत, श्रीलंका सहित पूरी दुनिया में मशहूर हो गई।
माचा टी
जापान से आई यह चाय ग्रीन पाउडर के रूप में होती है जो बनाने के अलग तरीके और नेचुरल स्वाद के लिए जानी जाती है। इसे पीकर ताजगी और एनर्जी का एहसास होता है।
ऐसे बनाते हैं माचा टी-माचा टी बनाने के लिए चाय की पत्तियों को शेड के नीचे उगाया जाता है और सूखाकर बारीक पाउडर के रूप में तैयार कर लिया जाता है। इसमें मिठास के साथ-साथ हल्की कड़वाहट भी होती है, जिससे आपको सुकून का एहसास होता है और आपको स्फूर्ति महसूस होती है।
व्हाइट टी
यह चाय का बड़ा ही सौम्य-सा रूप है जोकि चाय की कोमल पत्तियों और कलियों से तैयार होती है। इसकी वजह से ही चाय में एक हल्की भीनी-सी खुबशूब मिलती है। इसे पीकर आपको ताजगी महसूस होगी।
कैसे बनाते हैं व्हाइट टी- कोमल पत्तियों और कलियों को तोड़कर उन्हें एक बेहद ही कंट्रोल कंडीशन में सुखाया जाता है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि पत्तियां अपने नेचुरल फ्लेवर को बरकरार रखे।
इरानी चाय
ईरान देश से आई यह चाय भारत में काफी पसंद की जाती है। यह अपने कड़क स्वाद और ईरान की सांस्कृतिक पहचान लिए हुए होती है।
ऐसे तैयार होती है इरानी चाय- यह चाय की कड़क काली पत्तियों को इलायची, लौंग और दालचीनी के साथ उबालकर तैयार की जाती है। भारतीय चाय की तरह ही इसमें दूध और शक्कर भी होतीडाली जाती है।
ऊंलोंग टी
अनोखे स्वाद वाली यह चाय सेमी-ऑक्सीडाइज्ड़ होती है, जोकि कुछ-कुछ ग्रीन टी और ब्लैक टी के बीच का स्वाद देती है।
इस तरह बनाते हैं ऊंलोंग टी- इसमें चाय की पत्तियों को तोड़कर धूप में मुरझाने के लिए छोड़ा जाता है, फिर सुखाने से पहले ऑक्सीडाइज़ किया जाता है। ऐसा करने से चाय को एक फर्मेंट और अलग स्वाद मिलता है। इसमें आपको फूलों से लेकर फल और वुडी टेस्ट व रोस्टेड टेस्ट भी मिलेगा।
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