बाजरा, श्री अन्न की मुख्य फसल है. उत्तर प्रदेश में धान, गेहूं और मक्का के बाद लगभग 10 लाख हेक्टेयर में बाजरा (Bajra) की खेती की जाती है. इसके भरपूर पौष्टिक होती है. अब योगी सरकार बाजरा की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाएगी. इसके लिए योगी सरकार किसानों को बाजरा के हाइब्रिड बीजों पर अनुदान दे रही है. यह पहल कम वर्षा वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी.
सेहत का खजाना बाजरा
बाजरा (Bajra) विशेष रूप से फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीज तत्वों के साथ एंटी-ऑक्सीडेंटभी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है. इससे बाजार में इसकी मांग है. योगी सरकार इन्हीं गुणों को देखते हुए बाजरा किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.
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बाजरा बीज पर अनुदान दे रही सरकार
बाजरा की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग इसके बीज पर अनुदान दे रहा है. इसमें सामान्य बाजर पर 50% और हाइब्रिड बाजरा पर 150 रुपये प्रति किलो का अनुदान दिया जाएगा. सरकार राजकीय कृषि बीज भंडारों के माध्यम से बाजरे के बीज पर अनुदान उपलब्ध करा रही है, जिससे किसानों की लागत कम हो जाती है, दूसरी तरफ सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बाजरा की खरीद की जा रही है.
बाजरा की खेती अपेक्षाकृत कम वर्ष (400-500 मिमी) में भी की जा सकती है. वर्तमान में लगभग प्रदेश के 29 जनपदों में औसत से कम वर्षा पायी गई है. जहां कम वर्षा के कारण धान की खेती नहीं जा सकती, किसानों के लिे उन क्षेत्रों में बाजरा की फसल फायदेमंद साबित होगा.
80-85 दिन में तैयार हो जाती है फसल
बाजरा की फल लगभग धान की असफल बुवाई की स्थिति में अगस्त महीने के मध्य तक कर सकते हैं. फसल की अवधि अधिकतम 80-85 दिन होने के कारण 10 नवंबर के पहले कटाई कर रबी फसल की बुवाई का समय से की जा सकती है. बाजरा की फसल से 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिल जाती है, तो दूसरी तरफ धान की अपेक्षा लागत कम होने और बाजरा की बाजार कीमत ज्यादा होने से कारण किसानों को ज्यादा मुनाफा होने की संभावना हो सकती है.
बाजरा की हाइब्रिड किस्में
बाजरा की हाइब्रिड किस्म 86M84, बायो-8145, NBH-5929 के साथ संकुल प्रजाति धनशक्ति की उत्पादन क्षमता 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है.
बुवाई से पहले भूमि उपचार जरूरी
उत्तर प्रदेश में बहुत से एरिया असमतल और वर्षा आधिरत होने के कारण धान की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं. ऐसी जमीन में भी बाजरा की खेती कर किसान अतिरिक्त फायदा ले सकते हैं लेकिन बुवाई से पहले भूमि जनित रोगों से बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा, हारजीएनम 2% पाउडर को 2.5 किग्रा की मात्रा से भूमि शोधन करना जरूरी होता है.
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बाजरा बीज पर अनुदान दे रही सरकार
बाजरा की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग इसके बीज पर अनुदान दे रहा है. इसमें सामान्य बाजर पर 50% और हाइब्रिड बाजरा पर 150 रुपये प्रति किलो का अनुदान दिया जाएगा. सरकार राजकीय कृषि बीज भंडारों के माध्यम से बाजरे के बीज पर अनुदान उपलब्ध करा रही है, जिससे किसानों की लागत कम हो जाती है, दूसरी तरफ सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बाजरा की खरीद की जा रही है.
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