रायपुर, 26 जुलाई 2025 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस की नीति और सरकारी खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के तहत राज्य जीएसटी विभाग ने रायगढ़ स्थित मेसर्स श्याम सर्जिकल पर कार्यवाही की है। यह फर्म छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और ओडिशा में भी सरकारी अस्पतालों को सर्जिकल और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करती है।
राज्य जीएसटी विभाग की जांच में सामने आया है कि उक्त व्यवसायी ने स्वास्थ्य विभाग में विगत 4–5 वर्षों में लगभग 48 करोड़ रुपये की आपूर्ति की, जबकि वास्तविक खरीदी केवल 10 करोड़ रुपये की थी। प्रारंभिक जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि व्यवसायी ने खरीदी मूल्य से 4–5 गुना अधिक दरों पर सामग्री की आपूर्ति कर 400 से 500 प्रतिशत तक लाभ कमाया। इस लाभ को छुपाने और जीएसटी देनदारी से बचने के लिए व्यवसायी ने अपने परिवारजनों के नाम पर तीन अन्य फर्में – राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर, और पी.आर. इंटरप्राइजेस बनाईं तथा आपस में ही खरीदी बिक्री दिखाकर करीब 1 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की।
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इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के स्पष्ट निर्देशों के अनुरूप वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी द्वारा अधिकारियों को सरकारी आपूर्ति पर विशेष नजर रखने और किसी भी प्रकार की अनियमितता को तुरंत पकड़ने के लिए निर्देशित किया गया था। इसी के तहत राज्य जीएसटी विभाग की टीम ने यह प्रभावी कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि राज्य सरकार सरकारी निधि और जन स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस प्रकार की धोखाधड़ी न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि जनहित के साथ विश्वासघात भी है।
प्रदेश सरकार ने ऐसे सभी आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ अर्जित करने का प्रयास करता है, तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई राज्य शासन की ईमानदार, पारदर्शी और जनहितकारी प्रशासनिक दृष्टिकोण का उदाहरण है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध पूरी प्रतिबद्धता और सख्ती के साथ कार्य कर रही है।
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