मन की बात का 124 वां एपिसोड : साइंस, स्पोर्ट्स से लेकर टेक्सटाइल तक, जानें PM मोदी ने क्या-क्या कहा?

मन की बात का 124 वां एपिसोड : साइंस, स्पोर्ट्स से लेकर टेक्सटाइल तक, जानें PM मोदी ने क्या-क्या कहा?

पीएम मोदी आज 'मन की बात' के 124वें एपिसोड के जरिए लोगों से रूबरू हुए। पीएम मोदी इस मौके पर देश के सामने अपने विचार रखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में खेल, विज्ञान या संस्कृति में ऐसा कुछ हुआ है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। हाल ही में शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी की चर्चा हुई। पूरा देश गर्व से भर गया। अगस्त 2023 में जब चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग हुई, तब एक नया माहौल बना। विज्ञान को लेकर बच्चों में एक नई जिज्ञासा जगी।

आपने इंस्पायर मानक अभियान का नाम सुना होगा। इसमें हर स्कूल से पांच बच्चे चुने जाते हैं। हर बच्चा एक नया idea लेकर आता है। इससे लाखों बच्चे जुड़ चुके हैं। चंद्रयान 3 की लांचिंग के बाद इसकी संख्या दोगुनी हो गई है। अगले महीने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे है। इसे मनाने के नए आइडिया मुझे जरूर भेजिएगा। 

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21वीं सदी के भारत में आज साइंस एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है। कुछ दिन पहले हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल केमेस्ट्री ओलंपियाड में मेडल जीते हैं। देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी, इन चारों ने भारत का नाम रोशन किया। मैथ्स की दुनिया में भी भारत ने अपनी पहचान को और मजबूत किया है। ऑस्ट्रेलिया में हुए इंटरनेशल मैथेमेटिक्स ओलंपियाड में हमारे छात्रों ने 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड के लिए आगे बढ़ रहा है।

यूनेस्को ने 12 किलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की मान्यता दी है। ये सभी किले ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़े हैं। देश के और हिस्सों में भी ऐसे ही अद्भुत किले हैं, जिन्होंने आक्रमण झेले, खराब मौसम की मार झेली, लेकिन आत्मसम्मान को कभी भी झुकने नहीं दिया। ये किले सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। राजस्थान का चित्तौड़गढ़ का किला, कुंभलगढ़ किला, रणथंभौर किला, आमेर किला, जैसलमेर का किला तो विश्व प्रसिद्ध है। कर्नाटका में गुलबर्गा का किला भी बहुत बड़ा है। चित्रदुर्ग के किले की विशालता भी आपको कौतूहल से भर देगी कि उस जमाने में ये किला बना कैसे होगा! मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि इन किलों की यात्रा करें, अपने इतिहास को जानें।

आप कल्पना कीजिए बिल्कुल भोर का वक्त, बिहार का मुजफ्फरपुर शहर, तारीख 11 अगस्त 1908। उस समय हर हलचल थमी हुई थी, लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिलों में ज्वाला थी। वहां जेल के अंदर अंग्रेज युवा को फांसी देने जा रहे थे। वो वीर थे खुदीरामबोस। सिर्फ 18 साल की उम्र में उन्होंने यह साहस दिखाया था। ऐसे ही अनगिनत बलिदानों के बाद हमें आजादी मिली थी। देश के दीवानों ने अपने रक्त से आजादी के आंदोलन को सींचा था। 

अगस्त का महीना क्रांति का महीना है। इसी महीने में 15 अगस्त आता है। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं। लेकिन विभाजन की टीस को हम 14 अगस्त को मनाते हैं। 7 अगस्त को नेशनल हैंडलूम डे मनाया जाता है। इस साल इसके 10 साल पूरे हो रहे हैं। जब देश विकसित भारत बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है तो टेक्सटाइल सेक्टर ने बहुत योगदान दिया है। इन 10 सालों में इस सेक्टर ने नई-नई गाथाएं लिखीं। टेक्सटाइल सिर्फ एक सेक्टर नहीं है, बल्कि ये हमारी सांस्कृति विरासत है। आज भारत में 3000 से ज्यादा टेक्सटाइल कंपनियां सक्रिय हैं। 2047 के विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है। ये वोकल फॉर लोकल से ही पूरा होगा। जिस चीज को भारतीय ने बनाया हो, उसी को खरीदें।

भारत ने पांडुलिपियों को लेकर नया अभियान शुरू किया है। इसमें प्राचीन पांडुलिपियों को डिजिटल किया जाएगा। इसे हमें आने वाली पीढ़ियों को पढ़ाना है। 

हाल ही में एक शानदार प्रयास हुआ है। असम के कांजीरंगा पार्क में कई जानवर हैं। यहां के घास के मैदान में चिड़िया रहती हैं। यहां पक्षियों की 40 से ज्यादा प्रजातियों की पहचान हुई है। इनका सेंसेस हुआ है। इसके लिए आवाज रिकॉर्ड करने वाले सेंसर लगाए। इसके बाद उनकी पहचान की गई। बिना उन्हें परेशान किए इन सभी पक्षियों की पहचान की गई। हमें ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि हम अपनी जैव विविधता को पहचान सकें।

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झारखंड के गुमला जिले में एक समय था जब ये इलाका माओवादी हिंसा के लिए जाना जाता था। गांव विरान हो रहे थे, डर के साये में लोग जीते थे। जमीनें खाली पड़ी थीं और नौजवान पलायन कर रहे थे। बदलाव की शांत और धैर्य से शुरुआत हुआ। ओमप्रकाश साहू ने यहां हिंसा का रास्ता छोड़ा और मछलीपालन का काम शुरू किया। इस बदलाव का असर भी देखने को मिला। अब बंदूक पकड़ने वालों के हाथों में मछलियां पकड़ने वाले औजार हैं। सरकार के सहयोग से गुमला में मत्स्य क्रांति का आगाज हो गया है। गुमला की यह यात्रा हमें सिखाती है कि अगर रास्ता सही हो और मन में भरोसा हो तो कठिन परिस्थितियों में भी विकास का दीप जल सकता है। 

ओलंपिक के बाद वर्ल्ड पुलिस और फायर टुर्नामेंट सबसे बड़ा स्पोर्ट इवेंट है। भारत ने इसमें 600 मेडल जीते। इसमें दुनिया भर की पुलिस शामिल होती है। ये जानना भी दिलचस्प होगा कि 2029 में ये खेल भारत में होंगे। दुनिया भर से खिलाड़ी हमारे देश में आएंगे। हर उन्हें अपनी खेल संस्कति से परिचय कराएंगे। 

स्वच्छ भारत मिशन को जल्द 11 साल पूरे होंगे, लेकिन इसकी ताकत और जरूरत आज भी वैसी ही है। लोग इसे अपना फर्ज मानता हैं, यही असली जनभागीदारी है। इस साल देश के 4500 से ज्यादा शहर और कस्बे स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े। स्वच्छता को लेकर हमारे शहर और कस्बे अपनी जरूरतों और माहौल के हिसाब से अलग-अलग तरीके से काम कर रहे हैं। पूरा देश इन तरीकों को अपना रहा है। 

सावन की फुहारों के बीच देश फिर से त्योहारों से सजने जा रहा है। कई पर्व यहां हमारी भावनाओं से जुड़े हैं। ये हमें प्रकृति से जुड़ाव और संस्कृति से जुड़ाव के संकेत देते हैं।






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