माइक्रो-वॉकिंग सेहत के लिए काफी फायदेमंद, दूर होती हैं सेहत से जुड़ी ये परेशानियां

माइक्रो-वॉकिंग सेहत के लिए काफी फायदेमंद, दूर होती हैं सेहत से जुड़ी ये परेशानियां

नई दिल्ली :  आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में लोगों के पास एक्सरसाइज के लिए समय निकालना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में, माइक्रो वॉकिंग  एक बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है।दरअसल, यह एक्सरसाइज का बेहद ही आसान और असरदार तरीका है जिसे डेली रूटीन में आसानी से शामिल किया जा सकता है। आइए जानें क्या होती है माइक्रो वॉकिंग और इसके फायदे (Micro-Walking Benefits) क्या-क्या हो सकते हैं।

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माइक्रो वॉकिंग क्या होती है?

माइक्रो वॉकिंग का मतलब है छोटे-छोटे इंटरवेल में थोड़ी देर टहलना। इसमें लंबी दूरी या घंटों वॉक करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि दिनभर में कई बार 5-10 मिनट की छोटी वॉक को शामिल किया जाता है। जैसे-

  1. ऑफिस में ब्रेक के समय 5 मिनट टहलना
  2. फोन पर बात करते हुए चलना
  3. लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करना
  4. पार्किंग से दुकान तक थोड़ी दूर पैदल चलना

यह तरीका उन लोगों के लिए परफेक्ट है, जो लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहते हैं और एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाल पाते।

माइक्रो वॉकिंग के फायदे क्या हैं?
दिल के स्वास्थ्य में सुधार- नियमित रूप से थोड़ी-थोड़ी वॉक करने से दिल की काम करने की क्षमता बेहतर होती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और हाई ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है।

वजन कंट्रोल करने में मदद- लगातार बैठे रहने से कैलोरी बर्न नहीं होती, लेकिन माइक्रो वॉकिंग मेटाबॉलिज्म को एक्टिव रखती है। दिनभर में कई बार छोटी वॉक करने से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है, जो वजन घटाने में मदद कर सकती है।

मेंटल हेल्थ को बढ़ावा- वॉक करने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो तनाव और एंग्जायटी को कम करता है। छोटे ब्रेक में वॉक करने से मूड फ्रेश होता है और फोकस बढ़ती है।

मांसपेशियों और जोड़ों के लिए लाभदायक- लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ दर्द, गर्दन में अकड़न और जोड़ों की समस्याएं हो सकती हैं। माइक्रो वॉकिंग शरीर को एक्टिव रखकर इन समस्याओं से बचाती है।

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डायबिटीज कंट्रोल में मददगार- शॉर्ट वॉक ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मददगार होती है। खाने के बाद 5-10 मिनट टहलना ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल कर सकता है।

समय की बचत और सुविधाजनक- इसके लिए जिम जाने या लंबी वॉक के लिए अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं होती। दिनभर के छोटे-छोटे गैप में इसे आसानी से किया जा सकता है।






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