छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रही धर्मांतरण की घटनाओं के बीच सरकार अब सख्त रुख अपनाने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर जिले के शदाणी दरबार में आयोजित हिंदू राष्ट्रीय अधिवेशन के मंच से बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने धर्मांतरण को रोकने के लिए एक नया कानून तैयार कर लिया है, जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
सीएम साय ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, “राज्य में धर्मांतरण की घटनाएं चिंताजनक हैं। हमने इसका संज्ञान लिया है और एक सख्त कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्दी ही विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस कानून के तहत जबरन धर्मांतरण करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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गौशालाओं को मिलेगी बड़ी सहायता
मुख्यमंत्री साय ने अपने भाषण में गौसेवा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब किसी भी हालत में राज्य की सड़कों पर गाय या अन्य मवेशी नजर नहीं आने चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार ने गौशालाओं (Gaushalas) को मिलने वाली सहायता राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि नगरीय क्षेत्रों में गौशालाएं बनाई जा रही हैं और स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सड़कों पर मवेशी न दिखें। सीएम ने कहा, “जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तो उसे सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। यह बहुत गलत परंपरा है। हिंदू समाज को इसे बदलना होगा।”
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जशपुर में चर्च का जिक्र और ‘घर वापसी’ की सराहना
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जशपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च स्थित है, लेकिन इसके बावजूद वहां दिलीप सिंह जूदेव और उनके पुत्र प्रबल प्रताप जूदेव ने “घर वापसी” अभियान को मजबूती दी है। सीएम ने कहा कि राज्य के गांव-गांव में कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।
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