जीर्णोद्धार के नाम पर बड़ा बंदरबाट : शिक्षक नहीं फिर भी कर रहे कम्प्यूटर सप्लाई

जीर्णोद्धार के नाम पर बड़ा बंदरबाट : शिक्षक नहीं फिर भी कर रहे कम्प्यूटर सप्लाई

दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से आवासीय आश्रमों में जीर्णोद्धार के नाम बंदरबांट का मामला सामने आया है। यहां के आदिम जाति कल्याण विभाग आवासीय आश्रमों में कम्प्यूटर लगा दिए गए हैं लेकिन हैरानी की बात है की एक भी कंप्यूटर शिक्षक नहीं है। जिसके चलते कंप्यूटर क्लास संचालित नहीं किया जाता है। वहीं अब इन कंप्यूटरों में धूल जम गए हैं।

बालक आश्रम गदापाल में डीएमएफ मद से 19.79 लाख रुपये की लागत से भवन उन्नयन कार्य की 2024-25 सत्र में स्वीकृति हुई थी। जिस पर ठेकेदार ने पुराने आश्रम की महज टीन सीट बदलकर और आश्रम भवन में पोताई कर पैसे निकाल लिये। आश्रम भवन में भ्रमण के दौरान स्टाफ रूम में सीपेज, खिड़कियां पुरानी यथावत अभी भी लगी हुई है।

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जीर्णोद्धार के नाम पर केवल पैसे बहाए गए
आश्रम में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के 79 बच्चे आवासीय व्यवस्था का लाभ ले रहे हैं। पर विभाग ने जीर्णोद्धार के नाम पर भवन का कम और ठेकेदार को लाभ अधिक पहुंचाया है। इधर सहायक आयुक्त राजीव कुमार नाग से कहा कि, मैं अभी कुछ महीने पहले ही ज्वाइन हुआ हुआ हूं। मेरे कार्यकाल का यह काम नहीं है फिर भी मैं एक बार भवन का निरीक्षण करता हूँ। अगर खामियां हैं तो उसे सुधार किया जायेगा।

10 में सिर्फ 8 असेमब्लड कम्प्यूटर लगे
विभाग एक कम्प्यूटर सप्लाई का और कारनामा दिखाई दिया। गदापाल बालक आश्रम भवन के एक कक्ष में कम्प्यूटर क्लास की व्यवस्था की गई है। जिस पर 10 कम्प्यूटर लगने थे पर मौजूदा समय 8 कम्प्यूटर लगे हैं। जिसके लिये एक प्रोजेक्टर भी टांग रखा गया है। बच्चों के बैठने की चेयर भी है पर हास्यास्पद बात यह है कि कम्प्यूटर सप्लाई और स्मार्ट क्लास बनाने की जल्दबाजी करने वाला विभाग एक कम्प्यूटर शिक्षक तक नियुक्त नही कर पाया।

कम्प्यूटर शिक्षक की नहीं हुई है नियुक्ति
आश्रम के क्लास में कम्प्यूटर चादर से ढके हुए और कुर्सियों में धूल जमी नज़र आ रही है। स्कूल के अधीक्षक एकेटेश्वर नाग ने बातचीत पर बताया कि, गर्मी की छुट्टियों में मार्च में कम्प्यूटर पहुँचे थे। एक कम्प्यूटर जिला ऑफिस गया है कोई शिक्षक नहीं है इसलिए कम्प्यूटर क्लास नहीं लगती है।

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स्मार्ट क्लास के नाम पर खानापूर्ति
सहायक आयुक्त राजीव कुमार नाग ने कहा कि, जिले में कितनी जगह आश्रम शालाओं में स्मार्ट क्लास लग रही है ये देखकर बताना पड़ेगा। मेरी जानकारी में कोई कम्प्यूटर शिक्षक नियुक्त नहीं है। लगभग 10-11 लाख गदापाल बालक आश्रम में कम्प्यूटर सप्लाई के नाम पर भुगतान हुआ है। आदिवासी विकास विभाग मुस्तैदी शिक्षा के प्रसार पर लगाती तो दंतेवाड़ा की तस्वीर बदल जाती।






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