संसद के मानसून सत्र के छठे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो भारत का पक्ष नहीं देखते उन्हें आईना दिखाऊंगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत को अपनी सेना की क्षमता, साहस और रणनीति पर पूर्ण विश्वास है. इसी विश्वास के आधार पर उन्हें खुली कार्रवाई की छूट दी गई और तय किया गया कि कैसे, कब और कहां जवाब देना है, यह सेना खुद तय करेगी.
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उन्होंने कहा कि वह संसद में भारत का पक्ष रखने के लिए खड़े हुए हैं और जो भारत की सच्चाई नहीं देख पा रहे, उन्हें आईना दिखाने का कार्य करेंगे. मैं 140 करोड़ देशवासियों की भावना की गूंज में अपना स्वर मिलाने आया हूं.
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस प्रकार देश की जनता ने समर्थन और आशीर्वाद दिया, वह उनके लिए एक ऋण है. उन्होंने देशवासियों का आभार जताया और कहा कि वह उनका अभिनंदन करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों को धर्म पूछ-पूछकर गोली मारना अमानवीयता की पराकाष्ठा थी. उन्होंने इसे भारत को हिंसा में झोंकने और दंगे फैलाने की एक सुनियोजित साजिश बताया.
आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का संकल्प
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल को वह विदेश में थे, लेकिन तुरंत लौटकर आए और उच्चस्तरीय बैठक की. उस बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकियों को कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाए. उन्होंने यह भी दोहराया कि यह केवल बदला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प था.
पहलगाम पर राजनीति को लेकर प्रधानमंत्री कांग्रेस पर बोला हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के छिछोरेपन ने देश का मनोबल गिराया, पहलगाम हमले में भी वो राजनीति तलाश रहे थे'.
22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने 6 मई की रात और 7 मई की सुबह वो कार्रवाई की, जिसकी पाकिस्तान को आशंका थी. उन्होंने गर्व के साथ कहा, '22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला लिया गया'. उन्होंने यह भी कहा कि इस जवाब के बाद आतंक के आकाओं की नींद आज तक उड़ी हुई है.
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