नई दिल्ली : हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन कजरी तीज मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए कजरी तीज के दिन शिव-शक्ति के निमित व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से महिलाओं को मनोवांछित फल मिलता है।
इसके लिए व्रती कजरी तीज के दिन व्रत रख भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा करती हैं। कहते हैं कि इस व्रत को करने से व्रती को संतान (पुत्र) सुख भी मिलता है। आइए, कजरी तीज की सही डेट और शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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कजरी तीज शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 अगस्त को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। जानकारों की मानें 12 अगस्त को कजरी तीज मनाई जाएगी। यह पर्व देश के कई राज्यों में मनाया जाता है।
कजरी तीज शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर सुकर्मा योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। कजरी तीज पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग पूरी रात है। वहीं, शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को व्रत का पूरा फल मिलता है।
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नक्षत्र एवं चरण
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी कजरी के दिन मघा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का संयोग है। साथ ही उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बनेगा। इसके साथ ही बव एवं बालव करण के योग हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
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