छत्तीसगढ़ : महाअष्टमी का लोकल अवकाश निरस्त, अब उसके बदले नवा खाई का रहेगी छुट्टी

छत्तीसगढ़ : महाअष्टमी का लोकल अवकाश निरस्त, अब उसके बदले नवा खाई का रहेगी छुट्टी

रायपुर  : सरकारी कैलेंडर में पहले 30 सितंबर मंगलवार को महाअष्टमी की छुट्टी घोषित की गई थी। महाअष्टमी बोले तो शरद नवरात्रि की सबसे बड़ी और नौ दिन तक चलने वाली शक्ति की देवी की आखिरी पूजा। इस दिन की पूजा का बड़ा महत्व है, इसलिए इसका नाम ही महाअष्टमी रखा गया। इस दिन विशेष पूजा-अनुष्ठान किया जाता है। लोग दिन भर का व्रत रख भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करते हैं। जो श्रद्धालु पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं, उनके लिए महाअष्टमी को आखिरी पूजा करते हैं। महाअष्टमी को हर साल सरकार स्थानीय अवकाश घोषित करती है। यह परंपरा राज्य बनने के बाद पिछले 25 सालों से चल रही है। हर जिले के कलेक्टर अपने हिसाब से तीन स्थानीय अवकाश घोषित करते हैं। रायपुर में हर साल इस दिन छुट्टी रहती थी।

इस बार आज आज सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश निकालकर महाअष्टमी के लोकल छुट्टी को संशोधित कर दिया। अब 30 सितंबर को महाअष्टमी की बजाए 30 अगस्त को नवा खाई की छुट्टी रहेगी। याने महाअष्टमी का अवकाश निरस्त कर दिया गया है। और उसके बदले नवा खाई को स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। नवा खाई पश्चिम ओड़िसा का महत्वपूर्ण त्यौहार है। धान के फसल तैयार होने के उपलक्ष्य में ओड़िसा समाज के लोग श्रद्धा भाव से नवाखाई मनाते हैं।

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नवा खाई की छुट्टी कब से?

कांग्रेस सरकार ने नवा खाई को एच्छिक अवकाश घोषित किया था। दिसंबर 2023 में आई नई सरकार ने पिछले साल इसे बदलकर लोकल अवकाश में बदल दिया।

कैलेंडर में 30 सितंबर को महाअष्टमी

सरकारी कैलेंडर में हर साल की तरह छत्तीसगढ़ में महाअष्टमी याने 30 सितंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था। मगर सामान्य प्रशासन विभाग ने अचानक आज शाम महाअष्टमी की छुट्टी को समाप्त कर नवाखाई कर दी। इससे लोग चौंक गए।

महाअष्टमी को अब छुट्टी नहीं

राज्य बनने के बाद अब पहली बार ये होगा कि रायपुर जिले में महाअष्टमी क दिन अब अवकाश नहीं रहेगा। क्योंकि, महाअष्टमी का अवकाश को जीएडी के अफसरों ने समाप्त कर उसे नवा खाई को दे दिया है। वो इसलिए क्योंकि तीन से अधिक लोकल अवकाश हो नहीं हो सकता। इसलिए, जीएडी के अफसरों ने महाअष्टमी की छुट्टी को समाप्त कर दिया।

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छत्तीसगढ़ में ओड़िसा भाषी

छत्तीसगढ़ में ओड़िसा भाषी काफी संख्या में रहते हैं। खासकर, रायपुर समेत सीमाई इलाकों में। ओड़िसा समाज से ताल्लुकात रखने वाले रायपुर पश्चिम के विधायक पुरंदर मिश्रा का दावा है कि छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में ओड़िसा मूल के लोग खासी संख्या में रहते हैं। इसी के आधार पर उन्होंने मुख्यमंत्री से नवा खाई के दिन सामान्य अवकाश की मांग की थी और सरकार ने ओड़िसा समाज के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसे इसे मंजूर भी कर लिया था। पुरंदर मिश्रा ने मुख्यमंत्री को इसके लिए आभार जताया था।









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