नई दिल्ली : हैरी ब्रूक और जो रूट के शतकों के दम पर इंग्लैंड ने लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच में अपनी टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया है। इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रन बनाने थे जो वह मचौथे दिन रविवार को आखिरी सेशन में बना ही लेती, लेकिन जब वह जीत से 35 रन दूर थी तभी खराब रौशनी के कारण खेल रोक दिया गया और फिर बारिश आने के कारण स्टम्प की घोषणा कर दी गई।कुछ देर अंपायरों ने इंतजार किया लेकिन बारिश नहीं रुकी और फिर स्टम्प की घोषणा कर दी गई। दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने छह विकेट खोकर 339 रन बना लिए हैं।
हैरी ब्रूक ने तूफानी पारी खेल भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। उनका विकेट भारत को पहले मिल गया होता, लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर मोहम्मद सिराज ने फाइन लेग पर उनका कैच लेने के बाद पैर बाउंड्री से टच कर दिया। ये भारत के लिए इस मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और फिर ब्रूक ने तूफानी रफ्तार में रन बना शतक ठोक दिया। उन्होंने 98 गेंदों पर 14 चौके और दो छक्कों की मदद से 111 रन बनाए।
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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट ने उनका साथ दिया। दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 195 रनों की साझेदारी की। रूट ने अपने टेस्ट करियर का 39वां शतक जमाया। उन्होंने 152 गेंदों का सामना कर 12 चौकों की मदद से 105 रन बनाए।
अच्छी शुरुआत के बाद फिसला भारत
इंग्लैंड ने दिन की शुरुआत एक विकेट के नुकसान के साथ की थी। बेन डकेट और ओली पोप ने भारत को परेशान करना शुरू किया। डकेट ने तेजी से रन बनाते हुए अर्धशतक पूरा किया जिसके कुछ देर बाद वह प्रसिद्ध कृष्णा का शिकार हो गए। उन्होंने 83 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 54 रन बनाए। मोहम्मद सिराज ने फिर ओली पोप को अपनी बेहतरीन इनस्विंग पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। पोप ने 34 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 27 रन बनाए।
ब्रूक और रूट जमे
इसके बाद हैरी ब्रूक और जो रूट ने विकेट पर पैर जमा लिए। भारत को ब्रूक का विकेट मिल जाता पर सिराज की गलती ने गड़बड़ कर दी। ये गलती टीम इंडिया को तोड़ने वाली साबित हुई। यहां से भारतीय टीम की बॉडी लेंग्वेज हताश लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि मानो भारत अब सिर्फ समय पूरा कर रहा है। उधर रूट और ब्रूक अपनी रफ्तार से रन बना रहे थे। ब्रूक का एक-एक रन सिराज को चुभ रहा था और भारत को दर्द दे रहा था।
सिराज ने अपनी गेंदों से रूट को परेशान जरूर किया, लेकिन उनका विकेट नहीं निकाल पाए। इस बीच ब्रूक ने अपना शतक पूरा कर लिया था। इसके कुछ देर बाद वह आकाशदीप की गेंद पर सिराज के द्वारा ही लपके गए। हालांकि, तब तक काफी देर हो चुकी थी। ब्रूक का विकेट 301 के कुल स्कोर पर गिरा और यहां से इंग्लैंड को जीत के लिए 73 रनों की ही जरूरत थी।
रूट का शतक
दूसरा सेशन जब खत्म हुआ तब रूट 98 रनों पर थे और इंग्लैंड को जीत के लिए 57 रन चाहिए थे। उनके साथ जैकब बैथल खेल रहे थे। तीसरे सेशन में आकर रूट ने अपना शतक पूरा किया। कृष्णा ने बैथेल को आउट कर इंग्लैंड को पांचवां झटका दिया। वह पांच रन ही बना सके। फिर रूट भी कृष्णा की गेंद पर ध्रुव जुरैल को कैच दे बैठे। इसके कुछ देर बाद खराब रौशनी के चलते खेल रोक दिया गया और फिर स्टम्प की घोषणा कर दी गई।
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भारत ने इस मैच की पहली पारी खेली थी और 224 रन बनाए थे। इंग्लैंड के बल्लेबाज पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों के सामने ज्यादा चले नहीं थे और पूरी टीम 247 रनों पर ढेर हो गई। भारत ने अपनी दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के 118, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के 53-53 रनों के दम पर 396 रन बनाए थे और इंग्लैंड को मजबूत स्कोर दिया था जिसे उसने हासिल कर सीरीज अपने नाम कर ली।
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