आरंग : गंगरेल बांध से महानदी मुख्य नहर में पानी छोड़े जाने के बाद क्षेत्र के किसानों ने 15 अगस्त को टोल प्लाजा रसनी में होने वाला प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया है। यह निर्णय किसानों की बैठक में लिया गया, जिसमें सर्वसम्मति से माना गया कि समय रहते सिंचाई जल उपलब्ध होने से खेतों में धान की चलाई, निंदाई एवं अन्य कृषि कार्यों में तेजी आएगी और फसल को बचाया जा सकेगा।जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर ने इस मौके पर कहा कि "हम किसानों की लड़ाई हमेशा मुद्दों के आधार पर लड़ते हैं। हमारा आंदोलन किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नहीं, बल्कि किसान हितों के लिए होता है। गंगरेल से पानी छोड़े जाने का यह फैसला सही समय पर लिया गया है, जिससे हजारों एकड़ खेतों की फसल बच जाएगी।
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हम प्रशासन और सिंचाई विभाग का आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि आगे यदि जल आपूर्ति में लापरवाही हुई, तो किसान फिर से सड़क पर उतरेंगे।"वतन चन्द्राकर ने आगे कहा कि अवर्षा की स्थिति में किसानों को समय पर पानी उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि धान की फसल पानी पर निर्भर होती है। पिछले कुछ दिनों से नहर में पानी बंद रहने से पौधे मुरझाने लगे थे और चलाई-निंदाई का काम थम गया था।
अब पानी मिलने से किसानों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है।किसानों ने उम्मीद जताई कि नहर में लगातार और पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ा जाएगा, जिससे पूरे सीजन में फसल को सिंचाई मिल सके और क्षेत्र में कृषि उत्पादन प्रभावित न हो,किसानों के इस बैठक में किसान नेता पारस नाथ साहू,गोविंद चन्द्राकर,द्वारिका साहू,श्रवण चन्द्राकर,हीरेश चन्द्राकर,उत्तम टंडन,द्रोण चन्द्राकर,जनक राम आवड़े,प्रभात चन्द्राकर,घसिया साहू,दौलत साहू,हीरामन साहू सहित और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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