अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत की विदेश नीति में बीते कुछ दिनों से बदलाव देखने को मिल रहा है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी अगले हफ्ते भारत दौरे पर आएंगे और एनएसए अजित डोभाल से मिलेंगे.उनका यह दौरा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में बदलाव की ओर बड़ा का संकेत है. अगले हफ्ते चीनी विदेश मंत्री भारत आएंगे तो वहीं एस जयशंकर 21 अगस्त को रूस दौरे पर जाएंगे.
चीन-भारत का साथ आना अमेरिका के लिए चिंता का विषय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस से कच्चे तेल लेना बंद करे. इस पर भारत की ओर से मिले करारा जवाब के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को अपने बगल में बैठा लिया. ऐसे में चीन और भारत जैसे दो बड़ी शक्तियों का साथ आना अमेरिका के लिए चिंता का सबब है. भारत रूस और चीन के साथ रिश्तों को मजबूत करने में लगा हुआ है. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले हफ्ते दिल्ली से कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है.
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SCO सम्मेलन में चीन जाएंगे पीएम मोदी
भारत और चीन की सेना के बीच साल 2020 में लद्दाख के गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खियां देखी जा रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे. इस दौरान वहां रूस भी मौजूद होगा. चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. भारत बहुत बड़ा बाजार है और यही कारण है कि चीन के साथ उसके रिश्ते सामान्य होने से अमेरिका टेंशन में है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछली बार जून 2018 में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन गए थे. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अक्टूबर 2019 में दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया था.
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ट्रंप की ओर से भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने के एक दिन बार अजीत डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. इस दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा, रक्षा सहयोग और आगामी नेतृत्व-स्तर की बैठक की तैयारियों पर चर्चा हुई. पिछले हफ्ते एनएसए अजीत डोभाल ने कहा था कि पुतिन जल्द ही भारत का दौरा करेंगे