किसानों के साथ धोखाधड़ी और कृषि उत्पादों की कालाबाजारी पर प्रशासन ने दिखाई सख्ती

किसानों के साथ धोखाधड़ी और कृषि उत्पादों की कालाबाजारी पर प्रशासन ने दिखाई सख्ती

सारंगढ़-बिलाईगढ़ :  जिले में किसानों के साथ धोखाधड़ी और कृषि उत्पादों की कालाबाजारी पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के निर्देश पर सारंगढ़ में जिला प्रशासन की टीम ने अधिक दाम पर खाद बेचने और एक्सपायरी दवा रखने वाले व्यापारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन को शिकायत मिली थी कि सारंगढ़ के सदर बाजार रोड स्थित गजानंद अग्रवाल द्वारा किसानों को यूरिया खाद अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है और स्टॉक बिना नियमानुसार पंजीकरण के रखा गया है। इस पर उप संचालक कृषि, आशुतोष श्रीवास्तव की मौजूदगी में कृषि और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान टीम ने एक किसान को खाद खरीदने के लिए भेजा। व्यापारी ने किसान को ₹600 प्रति बोरी की दर से यूरिया बेचते हुए पकड़ा गया, जबकि निर्धारित सरकारी दर इससे कम है। जांच में यह भी सामने आया कि व्यापारी पॉस (POS) आईडी में खाद का स्टॉक दर्ज किए बिना ही विक्रय कर रहा था। व्यापारी के गोदाम की तलाशी में मैट्रिक्स कंपनी के 32 बोरी यूरिया, 27 बोरी सुपर फास्फेट, ब्लैक गोल्ड जाइम की 32 बाल्टी, बेंटोनाइट सल्फर (30 किलो), नैनो यूरिया के 70 लीटर और 10 पेटी 2022 में एक्सपायर हो चुकी कृषि दवा का भंडारण पाया गया। प्रशासन ने इन सभी सामग्रियों को जब्त कर सील कर दिया और इनके विक्रय पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया।

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अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसानों को नुकसान पहुंचाने और कृषि इनपुट की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ भविष्य में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान निरीक्षण दल में नायब तहसीलदार प्रकाश पटेल, उर्वरक निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता, पटवारी दिल बंजारे और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी दीपक बजारे भी मौजूद थे। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने कहा कि जिले में किसानों के हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

खाद, बीज और कृषि रसायनों की कालाबाजारी या गलत भंडारण करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि यदि कहीं भी अधिक दाम वसूले जाने या एक्सपायरी/नकली कृषि उत्पाद बेचे जाने की जानकारी मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। इस कार्रवाई से स्थानीय व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है और किसानों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की है। ग्रामीण इलाकों में यह संदेश गया है कि शासन किसानों के साथ होने वाली किसी भी तरह की ठगी पर आंख मूंदकर नहीं बैठेगा।

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