नई दिल्ली : अगला उपराष्ट्रपति कौन? आजकल ये सवाल खूब चर्चाओं में है। हालांकि पक्ष-विपक्ष ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर रविवार को होने वाली भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में नए उपराष्ट्रपति के नाम पर मुहर लग सकती है।
जिन नेताओं का नाम चर्चा में है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर सबसे आगे हैं। बता दें कि संसदीय बोर्ड भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह मौजूद रहेंगे।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
और किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?
उपराष्ट्रपति के साथ-साथ भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार में मतदाता सूची के सघन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) जैसे अन्य ज्वलंत विषयों पर भी चर्चा हो सकती है। दरअसल नए उपराष्ट्रपति के नामाकंन के लिए 21 अगस्त आखिरी तारीख है। राजग नेताओं ने पहले ही उपराष्ट्रपति का फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा को अधिकृत कर दिया है।
विपक्ष भी उतार सकता है अपना उम्मीदवार
लोकसभा और राज्यसभा में राजग के स्पष्ट बहुमत होने के कारण नए उपराष्ट्रपति के चुनाव में कोई समस्या नहीं है, लेकिन 2022 की तरह विपक्ष अपनी ओर से कोई उम्मीदवार उतार सकता है। जगदीप घनखड़ के खराब स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा देने के कारण खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए नौ सितंबर को मतदान होना है।
इन नेताओं के नाम की हो रही चर्चा
सूत्रों के अनुसार धनखड़ के इस्तीफे के कारण उपजी परिस्थिति को देखते हुए भाजपा ने इस बार अपने ही अनुभवी नेता को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। जिन नेताओं का नाम चर्चा में है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल गहलोत, झारखंड के राज्यपाल गंगवार और सिक्किम के राज्यपाल माथुर प्रमुख हैं। वैसे संसदीय बोर्ड राजनीतिक, सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए संसदीय कार्यप्रणाली में अनुभवी किसी अन्य नेता को भी चुन सकता है।
ये भी पढ़े : रोज सुबह खाली पेट पी लें इस चीज का पानी,कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगी गैस और बदहजमी
इसके अलावा, संसदीय बोर्ड नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर भी चर्चा कर सकता है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में होना था, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इसके चलते जेपी नड्डा स्वास्थ्य, रसायन व उर्वरक मंत्रालय और राज्यसभा में सदन के नेता के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आवश्यक आधे से अधिक राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
Comments