नई दिल्ली : चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार (18 अगस्त) को अपने दो दिनों के भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच रहे हैं। वह विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक करेंगे।वांग यी का ये दौरा भारत-अमेरिका संबंधों के बढ़ते तनाव के बीच बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है।
वांग यी के दौरे के क्या हैं मायने?
वांग यी की यात्रा के दौरान भारत और चीन विवादित सीमा पर स्थायी शांति और स्थिरता के लिए नए उपायों पर चर्चा कर सकते हैं। यह यात्रा इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हो रही है। चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को मोटे तौर पर दोनों पड़ोसियों की ओर से अपने संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जो 2020 में घातक गलवान घाटी संघर्ष के बाद गंभीर तनाव में आ गए थे।
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अजित डोभाल से भी होगी मुलाकात
वांग यी मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के एक नए दौर की बैठक करने के लिए भारत आएंगे। वांग और डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं।
चीनी विदेश मंत्री सोमवार शाम लगभग 4:15 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। शाम 6:00 बजे वे द्विपक्षीय वार्ता के लिए विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात करेंगे। मंगलवार सुबह 11 बजे वांग यी एनएसए डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधि (एसआर) बातचीत करेंगे।
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कल होगी पीएम मोदी से मुलाकात
बैठकों में दोनों पक्ष सीमा की स्थिति, व्यापार और उड़ान सेवाओं की बहाली सहित कई प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श हो सकता है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चीन के मंत्री इसके बाद मंगलवार शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात करेंगे।
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