पुदीना की खेती के बारे में यहां पर पूरी जानकारी लेंगे, जिसमें खेत की तैयारी से लेकर फसल कटाई और लागत–कमाई भी जानेंगे।
पुदीना की खेती में फायदा
पुदीना की खेती में किसानों का बड़ा फायदा है। यह एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। किसान चाहे तो सामान्य तौर पर खेती कर सकते हैं या फिर इसका तेल बनाकर भी बेच सकते हैं। पुदीना एक सुगंधित फसल है। इसकी खेती करने से खेत से चींटी, मक्खी, मच्छर आदि दूर रहते हैं।
पुदीने का शरबत बनाया जाता है। गर्मियों में इसकी डिमांड बढ़ जाती है, जिससे अच्छी कीमत भी मिलती है। पुदीना औषधीय तौर पर भी इस्तेमाल होता है। इसकी रोपाई एक बार करके दो बार कटाई की जा सकती है। तो चलिए जानते हैं इसकी खेती के बारे में।
पुदीना की खेती कैसे करें
पुदीना का बीज कहां मिलता है
अगर आप पुदीना का बीज घर बैठे मंगाना चाहते हैं, तो अमेज़ॉन से मंगा सकते हैं। पुदीना के बीज की कीमत की बात करें तो ऑनलाइन ₹75 में 20 बीज की मात्रा मिलती है। यह कीमत कंपनी और बीज की गुणवत्ता के आधार पर अलग–अलग हो सकती है। इसमें प्रति क्विंटल पुदीना का बीज 1700, 3000 और 7500 रुपये तक का दाम भी मिलता है।
पुदीना की खेती का समय
समय का किसानों को ध्यान रखना जरूरी होता है। जिसमें पुदीना की खेती किसान जनवरी और फरवरी में कर सकते हैं। कुछ किस्में ऐसी होती हैं जिन्हें मार्च में भी लगाया जा सकता है।पुदीना की खेती के लिए अंकुरण के समय 20 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता है। इसके विकास के लिए 30 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सही है। अधिक सहनशीलता की बात करें तो पौधे 40 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सह सकते हैं। इससे ज्यादा होने पर फसल को नुकसान हो सकता है।
पुदीना की जड़ों की रोपाई करनी है तो 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच का समय अच्छा माना जाता है। इस समय पर लगाई गई जड़ों से तेल ज्यादा निकलता है। देरी करने पर नुकसान हो सकता है। फरवरी से अप्रैल के बीच भी पुदीना लगाया जा सकता है। नर्सरी तैयार करनी हो तो अगस्त में पुदीना की नर्सरी तैयार कर सकते हैं।
पुदीना की किस्में
पुदीना की प्रमुख किस्में इस प्रकार है-
पुदीना में कीट और रोग
पुदीना में कीट और रोगों की बात करें तो इसमें स्पाइडर माइट्स, लीफ बीटल, पुदीना रस्ट (जंग), जड़ सड़न और फफूंद जैसी समस्याएं आती हैं। इनके लिए जैविक नियंत्रण किया जा सकता है। अगर जैविक खेती कर रहे हैं तो नीम तेल का इस्तेमाल करें। जिन पत्तियों में समस्या दिखे उन्हें खेत से हटा दें। रासायनिक नियंत्रण करना हो तो कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर फसल को समय पर सिंचाई मिल रही है, बहुत ज्यादा पानी नहीं दिया जा रहा है, धूप लग रही है और खरपतवार निकाल दिए गए हैं तो ये समस्याएं कम आती हैं।
पुदीना की खेती में कमाई
पुदीना की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है क्योंकि इसमें खर्च कम और मुनाफा ज्यादा होता है। छोटे किसानों के लिए यह अच्छा विकल्प है, बस उनके पास सही बाजार होना चाहिए।
कमाई की बात करें तो कुछ किसान एक एकड़ से 5 लाख तक भी कमा लेते हैं। लेकिन इसके लिए बढ़िया तरीके से खेती करनी पड़ती है। वहीं अगर कीमत अच्छी हो तो और ज्यादा कमाई हो सकती है।
100 से 150 किलो पत्तियों की कीमत मिलने पर एक लाख से सवा लाख रुपये की आमदनी हो सकती है। अगस्त में पुदीना की कीमत 30 से 50 रुपये किलो और पुदीना तेल की कीमत 800 से 1800 रुपये किलो तक है।
एक हेक्टेयर में अगर किसान पुदीना की खेती करते हैं तो 2 से 3 महीने में 1.5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में लगभग 100 से 150 किलो तेल प्राप्त किया जा सकता है और हरा पुदीना (ताजी पत्तियां) 24 से 30 टन तक मिल जाती हैं। किसानों को पुदीना की फसल लगाने से पहले बाजार का भाव, खर्चा और तैयारी की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
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पुदीना की खेती में लागत
पुदीना की खेती में खर्च की बात करें तो अगर किसान के पास सिंचाई और जुताई आदि के साधन हैं तो खर्च कम हो जाता है। अच्छी खेती करने पर कीट–रोग का प्रबंधन भी कम करना पड़ता है, जिससे खर्च घट जाता है।
एक एकड़ में पुदीना की खेती करने पर लगभग 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें खेत की तैयारी, कटिंग, खाद, सिंचाई, निराई–गुड़ाई और कटाई का खर्च शामिल होता है। अगर मजदूर लगाने की जरूरत न पड़े तो खर्च और कम हो सकता है।
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