जिन किसानों ने धान की अगेती रोपाई की थी, उनकी फसल में अब बाली निकलने का समय आ गया है. कई जगह धान की फसल में बाली निकल भी रही है. बाली निकलते समय किसानों को फसल का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. बाली निकलने के बाद दाना बनाने की प्रक्रिया होती है और अगर इस समय ध्यान की फसल का सही तरह से ध्यान रखेंगे, तो फसल की गुणवत्ता अच्छी होगी और उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा. लेकिन जरा सी लापरवाही की जाए तो धान की फसल को नुकसान भी हो सकता है.
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कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान धान की फसल से ज्यादा उत्पादन लेने के लिए उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं. उर्वरकों में भी किसान सबसे ज्यादा तवज्जो नाइट्रोजन को देते हैं और नाइट्रोजन का इस्तेमाल धान की फसल में काफी ज्यादा किया जाता है. नाइट्रोजन का इस्तेमाल करने से धान के पौधों की ग्रोथ तेजी के साथ होती है और पौधे हरे भरे रहते हैं. लेकिन अगर बाली बनने की प्रक्रिया हो रही है तो भूलकर भी नाइट्रोजन का छिड़काव ना करें.
भूलकर भी न करें ये गलती
अगर आपकी फसल 55 से 60 दिनों की हो गई है तो ऐसी स्थिति में धान की फसल में बाली निकलने के लिए तैयार होती है. इस समय किसानों को भूलकर भी नाइट्रोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नाइट्रोजन का इस्तेमाल करने से धान के पौधों के पत्तियों में कोमलता बढ़ेगी और पानी की मात्रा बढ़ जाएगी. पौधे में मिठास भी बढ़ेगी, इसकी वजह से कीट तेजी के साथ आकर्षित होंगे. यह कीट फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा बाली निकलते समय अगर नाइट्रोजन का छिड़काव किया जाए तो बाली में बहुत से दाने खाली रह जाएंगे, जिसकी वजह से उत्पादन में गिरावट आएगी.
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