नागपुर जिला पुलिस ने बुधवार को चुनाव विशेषज्ञ संजय कुमार के खिलाफ 'चुनाव से संबंधित झूठे बयान' के आरोप में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की। संजय कुमार ने गलत दावा किया था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या 2024 के आम चुनावों की तुलना में बढ़ी है।
संजय कुमार की पोस्ट में 2024 के आम चुनावों की तुलना में दो विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि का दावा किया गया था, जो लगभग छह महीने के अंतराल पर हुए थे। बाद में उन्होंने मंगलवार को इसे हटा दिया और एक अन्य पोस्ट में माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर "गलत जानकारी" पोस्ट करने के लिए माफी मांगी।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रामटेक के तहसीलदार की शिकायत पर कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन पर धारा 175 (चुनाव के संबंध में झूठा बयान), 353 (1) बी (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान), 212 (लोक सेवक को गलत जानकारी प्रदान करना) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 340 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ‘‘हेरफेर’’ वाले चुनावी आंकड़े जारी करके अनुदान नियमों के उल्लंघन के लिए ‘सेंटर फोर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। परिषद ने कहा कि उसने सीएसडीएस द्वारा आंकड़ों के कथित हेरफेर और निर्वाचन आयोग की ‘‘शुचिता को कमजोर करने के लिए एक विमर्श गढ़ने’’ के प्रयास का संज्ञान लिया है। आईसीएसएसआर सामाजिक विज्ञान और मानव विज्ञान में अनुसंधान के लिए सरकार की सर्वोच्च संस्था है। सीएसडीएस को आईसीएसएसआर द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
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